झारखंड के सबसे ऊंचे शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा 3 मई को

रांची, झारखंड के पहले सबसे ऊंचे शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा अक्षय तृतीया के अवसर पर 3 मई को होगी। यह शिवलिंग  108 फीट ऊंचा है, गिरिडीह (Giridih) के हरिहरधाम में शिवलिंग की ऊंचाई 65 फीट है. देश के दूसरे सबसे ऊंचे शिवलिंग की स्थापना का श्रेय झारखंड को मिल गया है।

Janbhawana Times
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रांची, झारखंड के पहले सबसे ऊंचे शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा अक्षय तृतीया के अवसर पर 3 मई को होगी। यह शिवलिंग  108 फीट ऊंचा है, गिरिडीह (Giridih) के हरिहरधाम में शिवलिंग की ऊंचाई 65 फीट है. देश के दूसरे सबसे ऊंचे शिवलिंग की स्थापना का श्रेय झारखंड को मिल गया है। मंदिर में शंखनाद होने पर 1 मिनट तक आवाज गूंजेगी। राजधानी रांची के चुटिया में स्वर्णरेखा तट पर स्थित सुरेश्वर महादेव धाम में करीब दस वर्षाें से इसका निर्माण चल रहा था।

शिवलिंग स्थापित होने के साथ ही अब साज-सज्जा को अंतिम रूप दिया जा रहा है। दो सालों तक कोरोना संक्रमण के कारण प्राण प्रतिष्ठा का काम लगातार टलता रहा , लेकिन इस बार 3 से 7 मई तक होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां भी पूरी कर ली गयी है। इस शिवलिंग स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सुरेश साहू ने  बातचीत में कहा कि एक इंजीनियर की सलाह पर 108 फीट ऊंचे शिवलिंग की स्थापना की योजना बनायी। बाद में यह जानकारी मिली कि यह देश का दूसरा सबसे ऊंचा शिवलिंग होगा। इस मंदिर की ऊंचाई इतनी अधिक है कि लोग कई किलोमीटर दूर से ही देख सकते है।

मंदिर के अंदर की परिधि 625 स्क्वायर फीट है और इस मंदिर की एक बड़ी खासियत यह है कि स्वर्णरेखा नदी के किनारे अवस्थित होने के कारण जलाभिषेक के लिए जल लाने के लिए श्रद्धालुओं को दूर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। वहीं मंदिर की एक विशेषता यह भी है कि यदि मंदिर के अंदर शंखनाद हुआ, तो इसकी आवाज करीब 1 मिनट तक गूंजती रहेगी। आवाज कोसो दूर तक सुनवाई पड़ेगी। मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश साहू ने बताया कि इस परिसर में वर्षाें पुराना 2 मंदिर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में थी, इसमें एक बजरंगबली की मंदिर को लोगों ने जीर्णाेद्धार करवाया और अब नये शिवमंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी चल रही है। समिति के सदस्य संतोष कुमार ने बताया कि 10 साल पहले इस शिवलिंग की स्थापना की योजना बनायी गयी है ।

मंदिर के मुख्य द्वार का नक्काशी ओड़िसा से आये केएस कृष्ण आचार्य की टीम द्वार किया गया, जबकि पीतल से बने नक्काशी का काम कर्नाटक से आयी टीम के सदस्य कर रहे है। मंदिर के अंदर जो शिवलिंग स्थापित किये जा रहे हैं, उसकी ऊंचाई 3 फीट और लंबाई साढ़े 4 फीट है। जबकि नंदी बाबा की भी एक प्रतिमा स्थापित की जाएगी, जिसकी ऊंचाई साढ़े तीन फीट होगी। .

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28 April 2022, 03:24 PM IST

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