Rajasthan: गहलोत सरकार के खिलाफ बीजेपी का प्रदर्शन, पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं में झड़प
राजस्थान में पुलवामा के तीन शहीदों की वीरांगनाओं का मामला तूल पकड़ रहा है। इस मामले को लेकर अब राजस्थान की राजनीति गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी ने गहलोत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। इस बीच पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं में झड़प भी हुई है। इससे पहले कांग्रेस नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने शुक्रवार को गहलोत सरकार पर कई सवाल खड़े किए है।
राजस्थान में पुलवामा के तीन शहीदों की वीरांगनाओं का मामला तूल पकड़ रहा है। इस मामले को लेकर अब राजस्थान की राजनीति गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी ने गहलोत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। इस बीच पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं में झड़प भी हुई है। इससे पहले कांग्रेस नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने शुक्रवार को गहलोत सरकार पर कई सवाल खड़े किए है।
वीरांगनाओं और सांसद किरोड़ीलाल से बदसलूकी को लेकर भाजपा शनिवार को गहलोत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। इस बीच पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई है। जयपुर में पार्टी मुख्यालय से सहकार भवन की ओर निकले सैकड़ों कार्यकर्ताओं को जब पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो दोनों के बीच धक्कामुक्की भी हुई है। इस दौरान पुलिस की गाड़ियों पर पथराव भी किया गया है। कुछ देर प्रदर्शन करने के बाद भाजपा नेताओ और कार्यकर्ताओं ने अपनी गिरफ्तारी भी दी है।
इससे पहले पार्टी मुख्यालय के बाहर भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सभा आयोजित की। भाजपा कार्यकताओं को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रदर्शन के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया, डॉ राजेंद्र सिंह राठौड़, सांसद घनश्याम तिवाड़ी समेत कई नेता मौजूद रहे। बता दें कि सांसद से हुई बदसलूकी को लेकर नेताओं में नाराजगी है। सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में भर्ती सांसद किरोड़ीलाल की हालात सामान्य बताई जा रही है।
इससे पहले शुक्रवार को टोंक में कांग्रेस नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वीरांगनाओं की बात को सुनना चाहिए, वे छोटी मोटी मांग को पूरा कर सकते हैं, बात नहीं मानना बाद का मुद्दा है, लेकिन बात सुनने में किसी का ईगो सामने नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी को एक दो नौकरी देने से कोई बड़ा बदलाव नहीं आने वाला है।
सचिन पायलट ने कहा कि "आज भी मानता हूं कि कोई छोटी मोटी मांगें हैं, किसी की सड़क का है, चारदीवारी का है, मूर्ति का है उसे हम पूरा कर सकते हैं। क्योंकि देश में ऐसा मैसेज नहीं जाना चाहिए कि वीरांगनाओं की बात हम सुनने को ही तैयार नहीं हैं। बात को मानना अलग बात है लेकिन इसे सुनने में इगो सामने नहीं लाना चाहिए चाहे कोई भी व्यक्ति हों।"
पायलट ने कहा कि "वीरांगनाएं मेरे घर आई, वे भावुक थीं, उनकी बात को सुना। महिला हैं? भावुक हैं, उनकी मानसिक हालत क्या होगी बड़ी संवेदनशीलता से उनकी बातों को सुना जाना चाहिए था। अगर नहीं भी करना चाहें तो भी उन्हें बैठकर समझाकर बेहतर तरीके से मामले का समाधान निकाला जा सकता था।"