Telangana में पत्रकारों की गिरफ्तारी... कांग्रेस पर आरोप, BRS का विरोध! सत्ता, प्रेस की आज़ादी और विवादों के बीच राजनीति
तेलंगाना में दो महिला पत्रकारों की गिरफ्तारी ने बड़ा हंगामा मचाया है. कांग्रेस की शिकायत पर पुलिस ने उन्हें मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के खिलाफ कथित अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया. इस घटना के बाद बीआरएस और भाजपा ने कांग्रेस सरकार की कड़ी आलोचना की है. क्या यह प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है? जानें पूरी कहानी में!

Telangana: तेलंगाना में एक बड़ा विवाद सामने आया है जब कांग्रेस की राज्य सोशल मीडिया इकाई के प्रमुख की शिकायत पर दो महिला पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है. ये गिरफ्तारियां मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने और उसे फैलाने के आरोप में हुईं. गिरफ्तार किए गए पत्रकारों में पल्स न्यूज के प्रबंध निदेशक पोगदंडा रेवती और चैनल के रिपोर्टर थानवी यादव शामिल हैं. इनके अलावा, 'निप्पूकोडी' नामक एक्स अकाउंट के उपयोगकर्ता को भी हिरासत में लिया गया है.
गिरफ्तारी के कारण और आरोप
यह विवाद तब शुरू हुआ जब कांग्रेस के सोशल मीडिया प्रमुख ने एक वीडियो के बारे में शिकायत की. इस वीडियो में पल्स न्यूज के रिपोर्टर ने एक व्यक्ति का साक्षात्कार लिया था, जो मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के बारे में अपमानजनक टिप्पणी कर रहा था. इस वीडियो को लेकर आरोप लगे कि यह एक भड़काऊ पोस्ट है, जिसमें हिंसा भड़काने की क्षमता है और यह पल्स न्यूज द्वारा जानबूझकर मुख्यमंत्री की छवि खराब करने की कोशिश की गई है.
Kya Yahi Hain Aap Ki “Mohabbat Ki Dukaan” ? @RahulGandhi Ji?
— KTR (@KTRBRS) March 12, 2025
Arresting two women journalists in the wee hours of the morning!! What is their crime?
Giving voice to the public opinion on incompetent & corrupt Congress Govt
Last I checked, the Constitution of India that you… https://t.co/DW1EP0JYCU
इन तीनों पर अश्लील सामग्री प्रकाशित करने से लेकर संगठित अपराध और आपराधिक साजिश रचने, नफरत फैलाने और शांति भंग करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इस कार्रवाई को लेकर तेलंगाना में राजनीति गरमा गई है, खासकर बीआरएस की ओर से तीखी आलोचना की जा रही है.
बीआरएस का विरोध और कांग्रेस पर हमला
बीआरएस नेता केटी रामा राव ने इन गिरफ्तारियों की तीखी आलोचना की है और कांग्रेस पर असहिष्णुता का आरोप लगाया. रामा राव ने कहा कि यह तेलंगाना में "आपातकाल की स्थिति" लौटने जैसा है और पत्रकारों को गिरफ्तार करना, जो सरकार की आलोचना कर रहे थे, यह इस सरकार के "प्रतिबंधात्मक शासन" का संकेत है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक "आपातकाल शैली का शासन" है.
केटी रामा राव ने यह भी दावा किया कि रेवती को अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया, और पुलिस ने उनके घर पर सुबह 5 बजे छापा मारा. उन्होंने सुश्री यादव की गिरफ्तारी को अत्याचारी बताया और प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले की निंदा की.
BJP और विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया
इस विवाद में भाजपा भी कूद पड़ी है. भाजपा के शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि तेलंगाना के किसानों की दुर्दशा को उजागर करने वाले पत्रकारों को गिरफ्तार करना कांग्रेस के शासन का असहिष्णु रूप है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई केवल किसानों के मुद्दों को दबाने की कोशिश है.
इन गिरफ्तारियों ने एक बार फिर से प्रेस की स्वतंत्रता और सरकार के प्रति आलोचना की सीमा को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है. जहां एक ओर कांग्रेस इस कार्रवाई को सही ठहरा रही है, वहीं दूसरी ओर बीआरएस और भाजपा इसे तानाशाही का उदाहरण मान रहे हैं. तेलंगाना में इस घटना को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है और अब सबकी नजरें इस पर बनी हुई हैं कि आगे क्या होता है.