गुरु ग्रंथ साहिब को ढाल बनाकर थाने ले जाने वाले पंजाबियत के वारिस नहीं- भगवंत मान
अजनाला थाने पर वारिस पंजाब दे के समर्थकों के हमले के दो दिन बाद पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) को लेकर बड़ा बयान सामने आया है।
अजनाला पुलिस स्टेशन पर वारिस पंजाब दे के समर्थकों के हमले के 2 दिन बाद पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री (Chief Minister) भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। शनिवार को भगवंत मान ने पंजाबी में ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि गुरु ग्रंथ साहिब जी को ढाल बनाकर पुलिस थानों तक ले जाने वाले पंजाब और पंजाबियत का वारिस कहलवाने के काबिल नहीं हैं।
ਸ਼ਬਦ ਗੁਰੂ ਸ਼ੀੑ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਨੂੰ ਢਾਲ ਬਣਾ ਕੇ ਥਾਣਿਆਂ ਤੱਕ ਲੈ ਕੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਕਿਸੇ ਵੀ ਪੱਖ ਤੋਂ ਪੰਜਾਬ ਅਤੇ ਪੰਜਾਬੀਅਤ ਦੇ “ ਵਾਰਿਸ ” ਅਖਵਾਉਣ ਦੇ ਕਾਬਿਲ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੇ..
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) February 25, 2023
गुरुवार को थाने पर किया था हमला-
जानकारी हो कि पंजाब के रूपनगर जिले के चमकौर साहिब के वरिंदर सिंह ने लवप्रीत सिंह और अमृतपाल और उसके 30 समर्थकों पर अपहरण व मारपीट की शिकायत दर्ज करवाई थी। इसके बाद लवप्रीत और एक अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस मामले में लवप्रीत को रिहा करने के लिए अमृतपाल ने बुधवार को थाने के बाहर धरने की चेतावनी दी थी। इसके बाद गुरुवार को वह श्री गुरुग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप के साथ अपने समर्थकों सहित थाने पहुंच गया। जब पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की तो उग्र भीड़ ने बैरिकेड तोड़ डाले और तलवारों व बंदूकों के साथ थाने पर हमला किये, जिसमे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
डीजीपी गौरव यादव ने कहीं ये बात-
खालिस्तान समर्थकों के उत्पात के एक दिन बाद डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि "हमलावरों ने पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की आड़ में हथियारों के साथ हमला किया। पवित्र ग्रंथ की मर्यादा को बनाए रखने के लिए ही पुलिस ने संयम से काम लिया। शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आश्वासन देने के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने धारदार हथियारों का इस्तेमाल किया।"
इस पर अमृतपाल सिंह ने कहा कि "उसने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की आड़ लेकर कोई भी बेअदबी नहीं की है। उसके खिलाफ झूठा प्रचार किया जा रहा है। अमृतपाल ने कहा कि जब भी कोई धार्मिक कार्य सिख कौम करती है तो श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश साथ होता है। हम भी अजनाला थाने का घेराव करने पहुंचे थे। वहीं हमने अमृत संचार का कार्यक्रम भी रखा था। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की पालकी पीछे थी और हम काफिले में आगे थे।"