नालंदा में विक्रमशीला एक्सप्रेस की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत, एक घायल
नालंदा जिले में ममरखाबाद-मेकरा हाल्ट के पास विक्रमशीला एक्सप्रेस की चपेट में आने से टांडापर गांव के तीन लोगों की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल हो गया. हादसे से टांडापर और गोपकिता गांव में मातम छा गया और खुशियों का माहौल चीख-पुकार में बदल गया.

Train Accident in Nalanda: बिहार के नालंदा जिले में शनिवार को एक दर्दनाक रेल हादसा हुआ. वेना थाना क्षेत्र के टांडापर गांव के चार लोग रेलवे लाइन पार करते समय विक्रमशीला एक्सप्रेस की चपेट में आ गए. इस हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक शख्स गंभीर रूप से घायल हो गया. घायल को बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच भेजा गया है.
हादसे में तीन की मौत, एक गंभीर
मृतकों की पहचान जीतो मांझी (30 वर्ष, पिता स्व. रविंद्र मांझी), रीतलाल मांझी (67 वर्ष, पिता स्व. सौदागर मांझी) और गोविंदा कुमार (21 वर्ष, पिता जवाहर मांझी) के रूप में की गई है. वहीं, जगलाल मांझी, स्व. सौदागर मांझी के पुत्र गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. यह दुर्घटना दानापुर मंडल के बाढ़-मोकामा रेलखंड में ममरखाबाद-मेकरा हाल्ट के पास हुई.
कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के मुताबिक, टांडापर गांव से करीब 27 लोग जीप से ममरखाबाद-मेकरा हाल्ट तक पहुंचे थे. वहां से सभी लोग रेलवे पगडंडी का इस्तेमाल करते हुए गोपकिता गांव में लड़की छेंकने जा रहे थे. इसी दौरान अचानक भागलपुर से आनंद विहार जा रही विक्रमशीला एक्सप्रेस गुजर गई और चार लोग उसकी चपेट में आ गए. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि सभी लोग एक-दूसरे के पीछे चल रहे थे. ट्रेन के अचानक आने से भगदड़ मच गई और तीन लोगों ने वहीं दम तोड़ दिया. हादसे में बाकी 23 लोग बाल-बाल बच गए.
राहत और कार्रवाई
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने तुरंत पंडारक थाना पुलिस को सूचना दी. पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पंडारक अस्पताल भेज दिया. बाद में उन्हें पोस्टमार्टम के लिए बाढ़ अस्पताल रेफर कर दिया गया. हादसे की जानकारी मिलते ही रेल डीएसपी पूर्वी मुकुल परिमल पांडेय, मोकामा आरपीएफ पोस्ट प्रभारी रविंद्र कुमार यादव और पंडारक थानाध्यक्ष नवनीत राय भी अस्पताल पहुंचे और आवश्यक कार्रवाई की. इस मामले की प्राथमिकी पंडारक थाने में दर्ज की गई है.
गांवों में मातम
इस दुर्घटना ने टांडापर और गोपकिता गांव दोनों को गहरे शोक में डूबा दिया. जिन घरों में खुशियों का माहौल होना था, वहां चीख-पुकार मच गई. स्वजन अपने प्रियजनों के गुम हो जाने पर फूट-फूटकर रोने लगे. पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया और हर किसी की आंखें नम हो गईं.


