जहरीली शराब को लेकर बिहार में नहीं थम रहा हंगामा, नीतीश के इस्तीफे की मांग
बिहार के छपरा में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है वहीं इसको लेकर अब बिहार की राजनीति भी गरमा गई है। विपक्षी दलों ने बिहार सरकार को विधानसभा में जहरीली शराब के मुद्दें पर जमकर घेरा। वहीं दूसरी तरफ बिहार सरकार के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
बिहार के छपरा में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है वहीं इसको लेकर अब बिहार की राजनीति भी गरमा गई है। विपक्षी दलों ने बिहार सरकार को विधानसभा में जहरीली शराब के मुद्दें पर जमकर घेरा। वहीं दूसरी तरफ बिहार सरकार के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है। छापरा में जहरीली शराब से अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोगों अस्पताल में मौत से लड़ रहे हैं।
शुक्रवार को बिहार विधानसभा में बोलते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि, "अगर कोई शराब पिएगा और गड़बड़ पिएगा तो वो मरेगा। अगर कोई शराब पीकर मर जाता है, तो उसके प्रति दया नहीं रखनी चाहिए। लोगों को शराब पीने से मना करना चाहिए। शराब पीकर लोग मर जाएंगे और हम मुआवजा देंगे? सवाल ही पैदा नहीं होता। इसलिए यह बातें सही नहीं है। जब हम संसद का चुनाव लड़ते थे तब पार्टियां हमारे साथ नहीं थी फिर भी CPI-CPM के लोग हमारा साथ देते थे।"
बता दे, भाजपा लगातार इस मामले पर नीतीश को घेर रही है और उनके इस्तीफे की मांग भी कर रही है। भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने नीतीश पर हमला करते हुए कहा कि, "सांसों का सौदा करते हुए सत्ता के सौदागर के पास सहानुभूति का एक शब्द नहीं है. सत्ता के लिए नीतीश कुमार अंधे-बहरे हो गए हैं और आरजेडी के साथी गूंगे हो गए हैं"
बता दे, बिहार में जहां एक तरफ शराब पर रोक लगी है तो वहीं दूसरी जहरीली शराब पीकर लोगों की जान जा रही है जिसको लेकर अब खड़े हो रहे कि जब शराब पर रोक लगी है तो आखिर राज्य में शराब आ कहा से रही है और यही सवाल सरकार को अब कटघरे में खड़ा कर रहा है।
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