Russian jet collision with US drone: काला सागर में रूसी फाइटर जेट की टक्कर से गिरा अमेरिकी ड्रोन, अमेरिका ने जताया कड़ा विरोध
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच काला सागर में मंगलवार को रूस का एसयू-27 फाइटर जेट अमेरिका के एक सैन्य ड्रोन से टकरा गया। इसके बाद रूस और अमेरिका में जारी तनाव टराव में बदल गया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस पर आपत्ति जताई है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि रूस ने अमेरिकी सैन्य टोही ड्रोन मार गिराया है। इस घटना के बाद रूस और अमेरिका के बीच जारी तनाव और बढ़ सकता है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच काला सागर में मंगलवार को रूस का एसयू-27 फाइटर जेट अमेरिका के एक सैन्य ड्रोन से टकरा गया। इसके बाद रूस और अमेरिका में जारी तनाव टकराव में बदल गया। इस घटना पर अमेरिकी सेना कड़ी आपत्ति जताई है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि रूस ने अमेरिकी सैन्य टोही ड्रोन को मार गिराया है। इस घटना के बाद रूस और अमेरिका के बीच जारी तनाव और बढ़ सकता है।
यूक्रेन युद्ध में पहली बार अमेरिका और रूस आमने सामने आ गए। मंगलवार को रूस के सुखोई 27 लड़ाकू विमान और अमेरिका के रीपर ड्रोन की आपस में टक्कर हो गई। इसके बाद अमेरिकी ड्रोन काला सागर में जा गिरा। इस घटना ने लिए अमेरिका ने रूस के पायलट को जिम्मेदार ठहराया। ड्रोन को मार गिराए जाने के बाद भड़की अमेरिकी सेना ने रूस को खुले तौर पर चेतावनी दी है। अमेरिकी सेना ने कहा कि यह युद्ध को भड़का सकता है। पिछले दिनों रूस की ओर से कई आक्रामक और खतरनाक कार्रवाई की गई है।
अमेरिकी सेना की यूरोपीय कमांड के मुताबिक, यह घटना मंगलवार सुबह करीब 7 बजे हुई है। इस दौरान रूस के दो सुखोई-27 लड़ाकू विमान ने अपने ईंधन को अमेरिकी ड्रोन के ऊपर गिराया है। इसके बाद रूसी फाइटर जेट काफी तेजी से अमेरिकी ड्रोन के सामने से निकल गए। बता दें कि शीतयुद्ध के बाद ऐसा पहली बार हुआ जब रूसी विमान ने अमेरिकी एयरक्राफ्ट को मार गिराया हो। रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही अमेरिकी सेना लगातार काला सागर के ऊपर ड्रोन भेज रहा है।
अमेरिकी सेना की चेतावनी के बाद रूस और अमेरिका के बीच तनाव चरम पर पहुंच सकता है। अमेरिकी सेना ने बयान जारी कर कहा कि यह घटना रूसी पायलटों की ओर से अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के विमानों के साथ अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में अपनाई जा रही खतरनाक मंशा के आधार पर हुई है। अमेरिका ने कहा कि रूस के फाइटर पायलटों की ओर से उठाए गए इन आक्रामक कदमों से तनाव भड़क सकता है। वहीं इस घटना को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि रूस की ओर से यह अंतरराष्ट्रीय कानून का खुला उल्लंघन है।