सरकार ने ईंधन निर्यात, घरेलू कच्चे तेल पर टैक्स घटाया
बुधवार को सरकार ने इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड की कीमतों में गिरावट और तेल कंपनियों के भारी दबाव के बीच पेट्रोल डीजल और जेट फ्यूल पर लगाया विंडफॉल टैक्स को वापस ले लिया है। इससे पहले सरकार ने 1 जुलाई को ईंधन के निर्यात पर यह अप्रत्याशित टैक्स लगाया था।
बुधवार को सरकार ने इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड की कीमतों में गिरावट और तेल कंपनियों के भारी दबाव के बीच पेट्रोल डीजल और जेट फ्यूल पर लगाया विंडफॉल टैक्स को वापस ले लिया है। इससे पहले सरकार ने 1 जुलाई को ईंधन के निर्यात पर यह अप्रत्याशित टैक्स लगाया था। उस समय कच्चे तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 120 डॉलर पर थीं, जो अब घटकर 100 डॉलर पर आ गई हैं। घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर कर भी 23,250 रुपये से घटाकर 17,000 रुपये प्रति टन कर दिया गया, जिससे ओएनजीसी और वेदांत लिमिटेड जैसे उत्पादकों को फायदा होगा।
1 जुलाई को पेट्रोल और एटीएफ पर 6 रुपये प्रति लीटर का निर्यात शुल्क 12 डॉलर प्रति बैरल था, जबकि डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर टैक्स 26 डॉलर प्रति बैरल के बराबर था। घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन का अप्रत्याशित कर 40 डॉलर प्रति बैरल के बराबर है।
विमानन ईंधन (एटीएफ) और कच्चे तेल की प्राप्ति भी 15 साल के औसत से नीचे चली गई। 12 डॉलर प्रति बैरल विंडफॉल टैक्स पर विचार करने के बाद पेट्रोल पर एहसास हुआ स्प्रेड महज 2 डॉलर प्रति बैरल के घाटे वाले स्तर के करीब था। इसी तरह, 26 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल निर्यात कर पर विचार करने के बाद डीजल स्प्रेड भी बहुत कम था।