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बजट 2025 में आइसक्रीम और चॉकलेट पर GST बढ़ाने की हो सकती है सिफारिश, जानिए इसके कारण

Budget 2025: आर्थिक सर्वे में सरकार द्वारा एक अहम सिफारिश की गई है, जिसमें आइसक्रीम, चॉकलेट और कैंडीज जैसे अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स पर GST बढ़ाने का सुझाव दिया गया है. यह कदम उन खाद्य पदार्थों की खपत को कम करने के लिए उठाया जा सकता है. आर्थिक सर्वे में यह माना गया है कि अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स जैसे आइसक्रीम, चॉकलेट और कैंडीज का अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

Budget 2025: आज पेश होने वाले आम बजट 2025 से पहले कल संसद में रखे गए आर्थिक सर्वे में एक अहम सुझाव सामने आया है. विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स (UPFs) की खपत बढ़ने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. इस बढ़ती समस्या से निपटने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है, जिसमें इन फूड्स पर GST दरों में वृद्धि, एफएसएसएआई (FSSAI) द्वारा कड़ी लेबलिंग आवश्यकताएं और जन जागरूकता अभियान शामिल हैं. इस सुझाव के जरिए, सरकार से आग्रह किया गया है कि वह UPFs की खपत को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए.

क्या होते हैं अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स?

अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स वे खाद्य पदार्थ होते हैं, जिनमें प्राकृतिक सामग्री की बजाय आर्टिफिशियल स्वाद, रंग, प्रिजर्वेटिव्स और स्वीटनेस की बड़ी मात्रा होती है. इनमें कोल्ड्रिंक्स, चिप्स, कूकीज, कैंडी, बर्गर, सॉसेज और पैक्ड स्नैक्स शामिल होते हैं, जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक हो सकते हैं. यह खाद्य पदार्थ लंबे समय तक भंडारण के लिए प्रसंस्कृत किए जाते हैं और इनमें पोषण संबंधी कोई विशेष गुण नहीं होते. 

बच्चों के स्वास्थ्य पर खास ध्यान देने की जरूरत

आर्थिक समीक्षा में यह भी कहा गया है कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को लक्षित करने वाले अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों के विज्ञापन को नियंत्रित करने की आवश्यकता है. इसके लिए एक कठोर विज्ञापन नीति बनाई जानी चाहिए, जिसमें पैक पर चेतावनी लेबल और अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों के विपणन पर सख्त प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई है. साथ ही, चीनी, नमक और संतृप्त वसा की मात्रा को निर्धारित करके इन खाद्य पदार्थों के सेवन को सीमित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए.

स्वास्थ्य के लिए जरूरी कदम

आर्थिक समीक्षा में यह भी सुझाव दिया गया कि स्वास्थ्य मंत्रालय को विज्ञापनों के संबंध में सख्त कदम उठाने चाहिए, और उन खाद्य पदार्थों पर निगरानी बढ़ानी चाहिए, जो बच्चों और युवाओं को प्रभावित करते हैं. साथ ही, स्वस्थ खाद्य पदार्थों को बढ़ावा देने के लिए सरकारी योजनाओं का भी प्रस्ताव किया गया है, जैसे साबुत अनाज, फल और सब्जियों को बढ़ावा देना. 

उपभोक्ता विश्वास को बढ़ावा देने के लिए निगरानी जरूरी

समीक्षा में कहा गया है कि केवल स्व-नियमन के प्रयासों से अपेक्षित परिणाम नहीं मिलेंगे. ब्रांडेड उत्पादों की बेहतर निगरानी से उपभोक्ताओं के बीच विश्वास बढ़ेगा और उनका सेवन कम होगा. सरकार को ऐसे उत्पादों पर कड़ी निगरानी और नियंत्रण लागू करने की आवश्यकता है.

स्थानीय और मौसमी उत्पादों को बढ़ावा देना चाहिए

अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने और सेहतमंद खाने की आदतें विकसित करने के लिए सरकार को स्थानीय और मौसमी खाद्य उत्पादों को बढ़ावा देना चाहिए. साथ ही, सेहतमंद विकल्पों को सस्ते दामों पर उपलब्ध कराना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोग स्वस्थ आहार की ओर आकर्षित हो सकें. 

आर्थिक सर्वे में सरकार को अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स की खपत को नियंत्रित करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी गई है, जिसमें GST दरों में वृद्धि, कड़ी लेबलिंग और उपभोक्ता जागरूकता अभियान शामिल हैं. सरकार से उम्मीद की जाती है कि वह इन सुझावों पर गंभीरता से विचार करेगी और स्वस्थ भारत की दिशा में कदम बढ़ाएगी.

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01 February 2025, 09:42 AM IST

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