‘ओमान चौथे नंबर पर है, फिर भी खुश नहीं हूं’, मस्कट में PM मोदी ने क्यों कही यह बात?
पीएम नरेंद्र मोदी इन दिनों ओमान की आधिकारिक यात्रा पर हैं. गुरुवार को उन्होंने राजधानी मस्कट में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए भारत और ओमान के ऐतिहासिक और मजबूत संबंधों पर विस्तार से बात की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों ओमान की आधिकारिक यात्रा पर हैं. गुरुवार को उन्होंने राजधानी मस्कट में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए भारत और ओमान के ऐतिहासिक और मजबूत संबंधों पर विस्तार से बात की. अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और ओमान केवल साझेदार देश नहीं, बल्कि भरोसेमंद और स्थायी मित्र हैं.
कूटनीतिक मित्रता के 70 वर्ष
उन्होंने बताया कि दोनों देश इस समय अपनी कूटनीतिक मित्रता के 70 वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रहे हैं, जो आपसी विश्वास और सहयोग का प्रतीक है. प्रधानमंत्री मोदी ने समुद्र का उदाहरण देते हुए कहा कि भले ही समुद्र की लहरें और मौसम समय के साथ बदलते रहते हों, लेकिन भारत और ओमान की दोस्ती हर परिस्थिति में और भी मजबूत हुई है.
उन्होंने कहा कि यह रिश्ता हर नई चुनौती के साथ और ऊंचाइयों तक पहुंचा है. भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रवासी भारतीय दोनों देशों के बीच व्यापार और सांस्कृतिक संपर्क की अहम कड़ी हैं. उन्होंने कहा कि आप सभी उस विरासत के संवाहक हैं, जिसकी जड़ें सदियों पुराने समुद्री व्यापार और सभ्यतागत संबंधों में समाई हुई हैं.
‘भारत को जानिए’ क्विज का उल्लेख
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में ‘भारत को जानिए’ क्विज का भी उल्लेख किया. उन्होंने बताया कि इस क्विज में ओमान से 10 हजार से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिससे ओमान वैश्विक स्तर पर चौथे स्थान पर रहा. हालांकि, प्रधानमंत्री ने मजाकिया अंदाज में कहा कि वे इस उपलब्धि पर तालियां नहीं बजाएंगे, क्योंकि ओमान को इस प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल करना चाहिए. उन्होंने ओमान में रहने वाले भारतीयों से अपील की कि वे इस क्विज में और अधिक लोगों को जोड़ें, खासकर भारतीय बच्चों को इसमें भाग लेने के लिए प्रेरित करें. साथ ही उन्होंने कहा कि ओमान के स्थानीय मित्रों को भी भारत के बारे में जानने के इस प्रयास से जोड़ा जाना चाहिए.
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और ओमान के बीच ऐतिहासिक समुद्री संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि आमतौर पर समुद्र को दूरी का प्रतीक माना जाता है, लेकिन मंडवी और मस्कट के बीच फैला अरब सागर दोनों देशों के लिए एक मजबूत सेतु बन चुका है. यह सेतु न केवल व्यापारिक रिश्तों को मजबूती देता है, बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक सहयोग को भी आगे बढ़ाता है.
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने दोहराया कि भारत और ओमान की मित्रता समय और परिस्थितियों से परे है. उन्होंने कहा कि चाहे हालात कैसे भी हों, दोनों देशों के बीच दोस्ती हर दौर में और अधिक सशक्त होती जाएगी और भविष्य में नए आयाम स्थापित करेगी.


