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उधारी की जिंदगी जी रहे Gen-Z, फिजूलखर्ची में बाकी देशों से आगे हैं भारतीय

Gen Z India shopping: त्योहारों और सेल्स के समय भारतीय जेन-जी यानी जेनरेशन जेड सबसे अधिक फिजूलखर्ची करती है. ये युवा ‘अब खरीदें, बाद में भुगतान करें’ सेवाओं का उपयोग करते हैं, ब्रांडेड और ई-कॉमर्स उत्पाद पसंद करते हैं. भारत में 31% लोग महंगाई के बावजूद खर्च करने को तैयार हैं, जबकि जेन-जी डिजिटल और टेक-सेवी पीढ़ी के रूप में जानी जाती है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

Gen Z India shopping: त्योहारों और सेल्स के समय भारतीय उपभोक्ताओं में फिजूलखर्ची आम बात है, लेकिन जेन-जी यानी जेनरेशन जेड के लोग इस मामले में सबसे आगे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, जेन-जी के लोग अन्य पीढ़ियों की तुलना में ज्यादा खर्च करते हैं और जरूरत से ज्यादा खरीदारी करने में पीछे नहीं रहते.

उधार पर खरीदारी की प्रवृत्ति

रिपोर्ट में बताया गया है कि जेन-जी लोग पैसे की कमी होने पर भी ‘अब खरीदें, बाद में भुगतान करें’ जैसी सेवाओं का खूब इस्तेमाल करते हैं. इस पीढ़ी में दूसरी पीढ़ियों की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक लोग उधार पर खरीदारी करते हैं. इसका मतलब है कि जेन-जी सिर्फ आज की जरूरत के लिए ही नहीं, बल्कि जीवनशैली और ब्रांड की चाहत के चलते भी उधार लेने से पीछे नहीं हटती.

ब्रांड और ई-कॉमर्स को प्राथमिकता

जेन-जी के खरीदार ब्रांडेड प्रोडक्ट को ज्यादा महत्व देते हैं. सर्वेक्षण के अनुसार, इस पीढ़ी के 34 प्रतिशत लोग कपड़े और 29 प्रतिशत लोग ब्यूटी प्रोडक्ट्स पर खर्च करते हैं. इसके अलावा, ये युवा ई-कॉमर्स से खरीदारी को प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि डिजिटल प्लेटफॉर्म उन्हें त्वरित और सुविधाजनक विकल्प प्रदान करते हैं.

अंतरराष्ट्रीय तुलना

रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय उदाहरण भी दिए गए हैं. ऑस्ट्रेलिया में लगभग 60 प्रतिशत लोग महंगाई को लेकर चिंतित हैं, पर केवल 16 प्रतिशत ही फिजूलखर्ची करते हैं. चीन में 43 प्रतिशत लोग महंगाई को लेकर सतर्क हैं, लेकिन उनमें से 27 प्रतिशत उपभोक्ता फिजूलखर्ची के लिए तैयार रहते हैं. यूएई में महंगाई से चिंतित 44 प्रतिशत लोगों में से 30 प्रतिशत फिजूलखर्ची करते हैं.

भारत में स्थिति

भारत में 40 प्रतिशत लोग महंगाई को लेकर चिंतित हैं, लेकिन 31 प्रतिशत उपभोक्ता फिजूलखर्ची करने को तैयार रहते हैं. केवल नौ प्रतिशत ही ऐसे हैं, जो जरूरत से ज्यादा खर्च करने से बचते हैं. इसका मतलब है कि भारत में जेन-जी की खरीदारी प्रवृत्ति अधिक खुले रूप में देखने को मिलती है.

युवा पीढ़ी की मानसिकता

उपभोक्ता मामलों की विशेषज्ञ शीतल कपूर के अनुसार, युवा पीढ़ी पैसों को बचाने के बजाय खर्च करने में विश्वास करती है. वे अच्छी और आरामदायक जिंदगी जीना चाहते हैं और इसके लिए लाइफस्टाइल और ब्रांडेड सामान पर खर्च करने से पीछे नहीं हटते.

जेनरेशन जेड की पहचान

जेन-जी या जेनरेशन जेड उन लोगों को कहा जाता है, जो लगभग 1997 से 2012/2015 के बीच पैदा हुए हैं. आज उनकी उम्र लगभग 10 से 28 साल के बीच है. यह पीढ़ी डिजिटल युग में जन्मी है, इसलिए इन्हें डिजिटल नैटिव्स भी कहा जाता है. इंटरनेट, स्मार्टफोन, सोशल मीडिया, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, गेमिंग और एआई इनके जीवन का अहम हिस्सा हैं. पिछली पीढ़ियों की तुलना में ये ज्यादा टेक-सेवी, तेज़-तर्रार और दुनिया से जुड़े हुए हैं.

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29 September 2025, 09:30 AM IST

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