टैरिफ वार का भारत ने दिया जवाब, 5 मोर्चों पर दिखी मजबूती
बीते हफ्ते भारत ने पांच बड़े आर्थिक संकेतकों से आलोचकों को करारा जवाब दिया है. इन उपलब्धियों ने ट्रंप के टैरिफ दबाव और भारत की कमजोर अर्थव्यवस्था की धारणा दोनों को गलत साबित कर दिया है.

India's reply to US: भारत के लिए बीते एक हफ्ते में आर्थिक मोर्चे पर लगातार सकारात्मक खबरें सामने आई हैं. जहां एक ओर जीडीपी के ताजा आंकड़े अनुमान से बेहतर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर जीएसटी संग्रह, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में नई ऊंचाइयों को छुआ गया है. इतना ही नहीं, ऑटो एक्सपोर्ट में भी जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है. इन तमाम उपलब्धियों ने उन आलोचकों को करारा जवाब दिया है जो भारत की अर्थव्यवस्था को धीमी या “डेड इकोनॉमी” कह रहे थे. ट्रंप प्रशासन के टैरिफ दबाव के बीच इस तरह की सफलता किसी उपलब्धि से कम नहीं मानी जा रही.
जीडीपी ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया
अप्रैल-जून तिमाही में भारत की जीडीपी 7.8 फीसदी दर्ज की गई, जो अनुमान से कहीं अधिक है. यह पिछले पांच तिमाहियों का सबसे अच्छा आंकड़ा है. कृषि क्षेत्र की मजबूती और होटल, व्यापार, वित्तीय व रियल एस्टेट सेवाओं में सुधार ने इस ग्रोथ को सहारा दिया. चीन की तुलना में भारत की जीडीपी वृद्धि कहीं अधिक रही, जिससे यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बनी हुई है.
जीएसटी कलेक्शन में बढ़ोतरी
अगस्त महीने में जीएसटी कलेक्शन 6.5 फीसदी बढ़कर 1.86 लाख करोड़ रुपये हो गया. पिछले साल इसी महीने यह 1.75 लाख करोड़ रुपये था. नेट जीएसटी रेवेन्यू में 10.7 फीसदी का इजाफा हुआ है. रेवेन्यू में यह उछाल सरकार की आर्थिक नीतियों की सफलता और उपभोक्ता मांग में स्थिरता का संकेत देता है.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 17 साल के शिखर पर
अगस्त में भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 59.3 पर पहुंच गया, जो साढ़े 17 साल का उच्च स्तर है. उत्पादन क्षमता में तेजी और नए ऑर्डर्स में वृद्धि ने इस सेक्टर को मजबूती दी है. लगातार 18वें महीने रोजगार में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिससे रोजगार सृजन की दिशा में सकारात्मक संकेत मिले हैं.
सर्विस सेक्टर ने छुआ 15 साल की ऊंचाई
सर्विस सेक्टर ने अगस्त में नया रिकॉर्ड बनाया. एचएसबीसी सर्विस पीएमआई 62.9 दर्ज हुआ, जो जून 2010 के बाद से सबसे तेज वृद्धि दर्शाता है. नए ऑर्डर्स और उत्पादन में उछाल से यह सेक्टर 15 साल की ऊंचाई पर पहुंच गया है. मांग बढ़ने के कारण महंगाई का दबाव जरूर बढ़ा है, लेकिन समग्र रूप से यह अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत है.
ऑटो एक्सपोर्ट में शानदार उछाल
ऑटो सेक्टर में अगस्त का महीना बेहद खास रहा. मारुति सुजुकी का निर्यात 40 फीसदी से अधिक बढ़ा, वहीं रॉयल एनफील्ड ने 39 फीसदी की वृद्धि दर्ज की. बजाज ऑटो का निर्यात 25 फीसदी बढ़कर 1.57 लाख यूनिट्स से अधिक हो गया. महिंद्रा और अशोक लेलैंड जैसी कंपनियों ने भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की है.
कुल मिलाकर, पिछले एक हफ्ते के आर्थिक आंकड़े भारत की मजबूत नीतियों और वैश्विक चुनौतियों के बीच लचीलापन दिखाते हैं. जीडीपी से लेकर जीएसटी और मैन्युफैक्चरिंग से सर्विस सेक्टर तक, हर मोर्चे पर भारत ने बेहतर प्रदर्शन किया है. इससे साफ संकेत मिलता है कि देश की अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है और आने वाले समय में और भी मजबूत होगी.


