सफलता की मिसाल बने रतन टाटा, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में नहीं छू पाए ऊंचाइयां! बनाई थी एक फिल्म, लेकिन.... वो भी फ्लॉप!
रतन टाटा का नाम आते ही दिमाग में सफलता और बिजनेस की ऊंचाइयां नजर आती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में भी हाथ आजमाया था? 2004 में उनके बैनर टाटा इंफोमीडिया के तहत एक फिल्म बनी थी, जिसमें अमिताभ बच्चन, जॉन अब्राहम और बिपाशा बसु जैसे बड़े सितारे थे. लेकिन यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट गई. आखिर क्यों? ऐसा क्या हुआ कि इस फिल्म ने अपनी लागत तक नहीं निकाली? और इसके बाद रतन टाटा ने बॉलीवुड से हमेशा के लिए दूरी क्यों बना ली? जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर!

Ratan Tat Film Dream: रतन टाटा—एक ऐसा नाम जो बिजनेस और परोपकार में अपनी अद्भुत सफलता के लिए जाना जाता है. टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन ने भारत के औद्योगिक विकास में जो योगदान दिया, वह किसी से छिपा नहीं है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्होंने कभी फिल्म इंडस्ट्री में भी अपनी किस्मत आजमाई थी? हां, सही सुना आपने! मगर, दुर्भाग्य से, यह प्रयास असफल साबित हुआ.
बात 2004 की है, जब रतन टाटा के बैनर टाटा इंफोमीडिया के तहत एक फिल्म बनी थी—"ऐतबार". इस फिल्म में बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार अमिताभ बच्चन, जॉन अब्राहम और बिपाशा बसु जैसे बड़े नाम थे. विक्रम भट्ट के निर्देशन में बनी यह फिल्म एक रोमांटिक मनोवैज्ञानिक थ्रिलर थी, जो हॉलीवुड फिल्म "फियर" (1996) से प्रेरित थी. कहानी एक पिता (अमिताभ बच्चन) की थी, जो अपनी बेटी (बिपाशा बसु) को एक खतरनाक प्रेमी (जॉन अब्राहम) से बचाने के लिए संघर्ष करता है.
फिल्म में दम था, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर फेल
उम्मीद थी कि स्टारकास्ट और दिलचस्प कहानी के दम पर फिल्म सुपरहिट होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 9.5 करोड़ के बजट में बनी "ऐतबार" ने सिर्फ 4.25 करोड़ रुपये का घरेलू कलेक्शन किया और वर्ल्डवाइड 7.96 करोड़ रुपये तक ही पहुंच पाई. यह रतन टाटा के लिए एक बड़ा झटका था, क्योंकि वह अपने हर प्रोजेक्ट को शानदार ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए जाने जाते थे. इस फ्लॉप के बाद उन्होंने कभी भी फिल्म प्रोडक्शन में दोबारा हाथ नहीं आजमाया और पूरी तरह से बिजनेस और सामाजिक कार्यों पर फोकस किया.
बॉलीवुड से रतन टाटा के खास कनेक्शन
हालांकि, रतन टाटा का बॉलीवुड से गहरा नाता रहा. वह मशहूर एक्टर अमरीश पुरी के करीबी दोस्त थे. कहा जाता है कि दोनों के बीच दोस्ती उस वक्त मजबूत हुई, जब टाटा ग्रुप भारत की पहली स्वदेशी कार "टाटा इंडिका" लॉन्च करने की तैयारी कर रहा था. इसके अलावा, रतन टाटा और अदाकारा सिमी ग्रेवाल के रिश्ते की भी अफवाहें चर्चा में रहीं.
एक और दिलचस्प कनेक्शन अभिनेता गुफी पेंटल (शकुनि मामा - महाभारत 1988) के साथ था. कम ही लोग जानते हैं कि दोनों की मुलाकात 1960 के दशक में हुई थी, जब वे जमशेदपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे. उस दौरान दोनों ने हॉस्टल में एक ही कमरा भी शेयर किया था.
रतन टाटा का अमिताभ बच्चन के साथ भी खास रिश्ता था. दोनों ने कई मानवीय परियोजनाओं में साथ काम किया. हालांकि, "ऐतबार" के फ्लॉप होने के बाद उन्होंने बॉलीवुड से पूरी तरह दूरी बना ली.
एक असफलता, लेकिन विरासत अटूट
रतन टाटा की जिंदगी में "ऐतबार" शायद एकमात्र ऐसा प्रोजेक्ट था, जो उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका. लेकिन इस एक असफलता से उनकी महानता और सफलता पर कोई असर नहीं पड़ा. वे आज भी अपने बिजनेस विजन, इनोवेशन और परोपकार के लिए पूरी दुनिया में सम्मानित किए जाते हैं.