आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख एक दिन और बढ़ी, आज ही ITR दाखिल करें
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत देते हुए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख को एक दिन बढ़ाकर 16 सितंबर 2025 कर दिया है. पहले यह डेडलाइन 15 सितंबर थी. यह फैसला उन लोगों के लिए वरदान साबित हुआ है, जो ई-फाइलिंग पोर्टल पर तकनीकी समस्याओं से जूझ रहे थे. विभाग ने सभी टैक्सपेयर्स से अपील की है कि वे इस अतिरिक्त समय का फायदा उठाकर जल्द से जल्द अपना ITR फाइल कर लें.

Income Tax Return: आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख एक बार फिर बढ़ा दी गई है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सोमवार को एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी कि अब ITR फाइल करने की डेडलाइन 15 सितंबर से बढ़ाकर 16 सितंबर 2025 कर दी गई है. विभाग ने यह निर्णय तकनीकी दिक्कतों की वजह से रिटर्न भरने में हो रही परेशानियों को ध्यान में रखते हुए लिया है.
इससे पहले आईटीआर जमा करने की डेडलाइन 31 जुलाई 2025 तय की गई थी जिसे बढ़ाकर 15 सितंबर किया गया था. अब उसमें एक और दिन की राहत दी गई है. आयकर विभाग ने करदाताओं से अपील की है कि आखिरी समय का इंतजार न करें और जल्द से जल्द रिटर्न भर दें, जिससे तकनीकी दिक्कतों और पेनल्टी से बचा जा सके.
ITR जमा करने की डेडलाइन क्यों बढाई गई?
आयकर विभाग की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया कि आयकर रिटर्न दाखिल करने की लास्ट डेट को अब एक दिन बढ़ाकर 16 सितंबर कर दिया गया है. ये कदम उन टैक्सपेयर्स की सुविधा के लिए उठाया गया है, जिन्हें इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर तकनीकी समस्याओं के कारण रिटर्न भरने में परेशानी हो रही थी. इसके साथ ही विभाग ने जानकारी दी कि ई-फाइलिंग पोर्टल पर जरूरी अपडेट और सुधार के लिए 16 सितंबर को रात 12:00 बजे से सुबह 2:30 बजे तक पोर्टल पर मेंटेनेंस किया जाएगा.
देर से रिटर्न फाइल करने पर लगेगा जुर्माना
अगर कोई टैक्सपेयर तय समय सीमा के बाद ITR फाइल करता है तो उस पर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 234F के तहत जुर्माना लगाया जाएगा. जिनकी कुल आय 5 लाख रुपये से अधिक है. उन्हें देर से रिटर्न दाखिल करने पर 5000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है. वहीं जिनकी आय 5 लाख रुपये से कम है उन पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
लेट फाइलिंग से होती हैं ये परेशानियां
आईटीआर को समय पर जमा न करने पर सिर्फ जुर्माना ही नहीं बल्कि अन्य कई समस्याएं भी हो सकती हैं. सेक्शन 234A के तहत टैक्स बकाया होने पर हर महीने 1% ब्याज देना होता है. रिटर्न की प्रोसेसिंग में ज्यादा समय लगता है. साथ ही टैक्स रिफंड मिलने में भी देरी होती है. अगर कोई टैक्सपेयर जानकारी छिपाता है या गलत जानकारी देता है तो इनकम टैक्स एक्ट के तहत 3 महीने से 2 साल तक की सजा का प्रावधान है.
आयकर विभाग की अपील
आयकर विभाग ने सभी टैक्सपेयर्स से अपील की है कि वे अपनी रिटर्न समय रहते भर दें ताकि पेनल्टी, ब्याज और तकनीकी दिक्कतों से बचा जा सके. विभाग ने स्पष्ट किया है कि डेडलाइन में यह एक दिन की राहत अस्थायी है और करदाताओं को आखिरी वक्त का इंतजार नहीं करना चाहिए.


