मान सरकार के नेतृत्व में पंजाब बना दूसरे राज्यों के लिए मिसाल, राज्य के लगभग 3,658 सरकारी स्कूलों मे नशा विरोधी पाठ्यक्रम की शुरुआत

पंजाब में नशामुक्त समाज की दिशा में मान सरकार ने 9वीं-12वीं कक्षा के छात्रों के लिए नशा-विरोधी पाठ्यक्रम शुरू किया है. 6,500 शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर 8 लाख बच्चों को जागरूक बनाया जा रहा है. 'युद्ध नशियां विरुद्ध' अभियान के तहत नशे की सप्लाई पर सख्ती और डिमांड पर समझदारी से रोक लगाई जा रही है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

Punjab drug free: पंजाब, जो लंबे समय से नशे की समस्या से जूझ रहा है, इस समस्या ने अनगिनत घर तबाह किए है,लेकिन अब वो दौर पीछे छूट रहा है अब पंजाब में सिर्फ कार्यवाही नहीं, असली बदलाव हो रहा है. इस बदलाव की अगवाई मान सरकार कर रही है. अब नशे से लड़ाई थानों से नहीं, स्कूल की कक्षा से लड़ी जाएगी. सरकार ने एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला लिया है जो आने वाले वक्त में पूरे देश के लिए एक मॉडल बनेगा. मान सरकार ने राज्य भर के सभी सरकारी स्कूलों में वैज्ञानिक रूप से डिज़ाइन किया गया नशा-विरोधी पाठ्यक्रम शुरू करने की एक अभूतपूर्व पहल शुरू की है, 1 अगस्त से पंजाब के सभी सरकारी स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा तक के बच्चों को नशे से बचाव का एक वैज्ञानिक पाठ्यक्रम पढ़ाने की शुरुआत हो चुकी है.

शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है

यह पहल मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार के 'युद्ध नशियां दे विरुद्ध' अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. जिसका उद्देश्य लगभग 8 लाख छात्रों को नशीले पदार्थों के सेवन से निपटने के लिए रोकथाम-केंद्रित कौशल से सशक्त बनाना है. इस पाठ्यक्रम को नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. अभिजीत बनर्जी की टीम ने और शिक्षा विशेषज्ञों के मार्गदर्शन से तैयार किया गया है. लगभग 3,658 सरकारी स्कूलों में पाठ्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए 6,500 से अधिक शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. इस कार्यक्रम में बच्चों को 27 हफ्तों तक हर पंद्रहवें दिन 35 मिनट की क्लास के जरिए सिखाया जाएगा कि नशे को कैसे ना कहें, साथियों के दबाव में आकर गलत रास्ता कैसे न चुनें और सच्चाई को पहचानकर अपने फैसले खुद लें , जीवन कौशल विकसित करने के लिए प्रेरित करना है.

इच्छाशक्ति से नशा छोड़ा जा सकता है

यह पहली बार है जब कोई राज्य सरकार नशे के खिलाफ ऐसा ठोस और दूरदर्शी कदम उठा रही है. इस कोर्स में बच्चों को केवल पढ़ाया नहीं जाएगा, बल्कि उन्हें फिल्में भी दिखाई जाएंगी. प्रश्नोत्तरी करवाई जाएगी, पोस्टर, वर्कशीट और इंटरेक्टिव गतिविधियों के ज़रिए बच्चों की सोच को मज़बूत किया जाएगा. बच्चों को समझाया जाएगा कि नशा कभी ‘कूल’ नहीं होता, बल्कि विनाश की ओर ले जाने वाला रास्ता है. जब इस पाठ्यक्रम को अमृतसर और तरनतारन के लगभग 78 स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलाया गया, तब इसके नतीजे चौंकाने वाले थे. 9,600 छात्रों में से 90% ने माना कि एक बार ड्रग लेने से लत लग सकती है पहले 50% छात्रों का मानना था कि इच्छाशक्ति से नशा छोड़ा जा सकता है, अब यह घटकर 20% रह गया , ये आंकड़े बताते हैं कि सही शिक्षा से सोच बदली जा सकती है, और सोच से ही समाज बदलता है. मान सरकार की दोहरी नीति स्पष्ट है, नशे की सप्लाई पर सख्ती और डिमांड पर समझदारी से चोट.

रंगला पंजाब बन कर दुनिया के सामने उभरेगा

पंजाब की यह पहल देश के अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल साबित हो सकती है. 1 मार्च, 2025 को शुरू हुए 'युद्ध नशियां विरुद्ध' अभियान के तहत, पंजाब पुलिस ने अगस्त 2025 के अंत तक लगभग 28,025 से ज़्यादा नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है. अब वक्त आ गया है जब हर माता-पिता गर्व से यह कह सकें कि उनका बच्चा नशे से सुरक्षित है, और इस की गारंटी मान सरकार ने दी है.

मान सरकार का यह कदम सिर्फ एक शिक्षा नीति नहीं, बल्कि सामाजिक क्रांति है. मान सरकार दूसरी सरकारों की तरह हवा मे बातें नहीं करती बल्कि ज़मीनी स्तर पर काम करने मे यकीन रखती है. अब वह समय दूर नहीं जब पंजाब उड़ता पंजाब से रंगला पंजाब बन कर दुनिया के सामने उभरेगा और अपना पुराना गौरव वापिस पाएगा, यह दूसरी सरकारों की तरह चलाया गया, कोई राजनैतिक एजेंडा नहीं बल्कि मान सरकार द्वारा चलाया गया पवित्र मिशन है .

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15 September 2025, 09:33 PM IST

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