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मोदी सरकार ने विपक्ष की सलाह नहीं मानी...वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद AAP नेता संजय सिंह की बड़ी टिप्पणी

आप नेता संजय सिंह ने वक्फ संशोधन बिल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मोदी सरकार के लिए करारा झटका बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वक्फ संपत्तियां पूंजीपतियों को देना चाहती थी, जिसे अदालत ने रोक दिया. सिंह ने कहा कि यह फैसला संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करता है तथा भाजपा की नफरती राजनीति को विफल करता है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने सोमवार को वक्फ संशोधन बिल पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा और पीएम मोदी पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन बिल पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला मोदी सरकार पर सुप्रीम तमाचा है. इस फैसले ने मोदी सरकार से वक्फ की जमीनें कब्जा कर अपने पूंजीपति दोस्तों को देने का प्लान फेल कर दिया है. इससे भाजपा और मोदी जी सदमे में हैं. सुप्रीम कोर्ट का वक्फ बोर्ड पर आया फैसला संविधान में विभिन्न धर्मों के लोगों को मिले अधिकारों के अनुरूप है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने विपक्ष की एक भी सलाह नहीं मानी और गैर संवैधानिक बिल पर चर्चा कराकर सदन का समय बर्बाद किया. अब इस फैसले ने भाजपाइयों का वक्त संशोधन बिल के बहाने देश में नफरती राजनीति करने का मौका भी छीन लिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने छीना मौका

सोमवार को प्रेसवार्ता कर संजय सिंह ने कहा कि एक लंबी लड़ाई के बाद वक्फ संशोधन बिल पर सर्वोच्च न्यायलय ने फैसला दे दिया है. इस फैसले से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके अंधभक्त बहुत सदमे में हैं. हालांकि अंधभक्तों का कोई फायदा नहीं होने वाला था, लेकिन उनको नफरत फैलाने का बढ़िया मौका मिल रहा था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने छीन लिया. इस बिल के जरिए मोदी जी और उनकी सरकार का सबसे बड़ा मकसद अपने दोस्त अडानी समेत तमाम पूंजीपतियों को वक्फ की जमीनें औने-पौने दाम में देने का था, लेकिन बिल पर रोक लगने से इनका मकसद फेल हो गया है. हिन्दू-मुस्लिम पर तो भाजपा के लोग राजनीति करते ही हैं. लेकिन सबसे बड़ा नुकसान प्रधानमंत्री के दोस्त अडानी का हुआ है. देश भर में वक्फ की जमीनें प्रमुख स्थानों पर हैं. प्रधानमंत्री को ये जमीनें कब्जा करके अपने दोस्तों को देना था. इसलिए ये लोग सदमे में हैं.

हमने बार-बार कहा था- सरकार गलत कर रही है

संजय सिंह ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल पर बहस करने के लिए गठित कमेटी का मैं खुद सदस्य रहा हूं. भाजपा के जगदम्बिका पाल चेयरमैन थे. कमेटी में तमाम विपक्षी दलों के सदस्य थे. हम सबने बार-बार कहा कि सरकार गलत कर रही है. ऐसे कानून नहीं बनता है. देश में नफरत फैलाकर राजनीति करने के लिए मात्र मुद्दा मिल जाए, इसके उद्देश्य से बिल लाना गलत है. बिल में लिखा था कि पांच साल तक लगातार मुस्लिम रीति-रिवाजों को मानने वाला व्यक्ति की वक्फ के लिए दान कर सकता है. अगर कोई कहे कि आप लगातार पांच साल मंदिर, गुरुद्वारे या चर्च जाएंगे तभी आप उसके लिए दान कर पाएंगे, ये क्या बात है? काफी शक्तियां जिलाधिकारी के हाथ में दे दी गई थी. हमें धार्मिक स्वतंत्रता की आजादी बाबा साहब डॉ. अंबेडकर के लिखे संविधान से मिली है. संविधान की धारा 25 व 26 में साफ कहा गया है कि हर व्यक्ति अपनी-अपनी धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से अपने धार्मिक स्थलों का प्रबंधन कर सकते हैं.

भाजपा का मकसद सारी धार्मिक जमीन को कब्जा करना है.

संजय सिंह ने कहा कि इस बिल पर खुश होने वालों के लिए मैंने संसद में भी कहा था कि बिल पर खुश मत होना. क्योंकि आने वाले दिनों में ऐसे ही बिल जैन मंदिरों, चर्चों, गुरुद्वारों और मंदिरों की जमीन कब्जा करने के लिए आएगा. इसी बीच मुम्बई में 90 साल पुराना एक जैन मंदिर तोड़ दिया गया. मैं देश के लोगों को सावधान रहने की अपील करता हूं. भाजपा के नफरती एजेंडे से बचिए. भाजपा का मकसद सारी धार्मिक जमीन को कब्जा करना है. अयोध्या इसका ताजा उदाहरण है. ये लोग वहां बड़े पैमाने पर जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं. इन्होंने रक्षा मंत्रालय की 13 हजार एकड़ जमीन अपने दोस्त अडानी को बिजनेस करने के लिए दे दी. ये लोग धर्म नहीं, धंधे का काम कर रहे हैं.

बोर्ड में बहुमत मुस्लिम समुदाय के लोगों का ही होगा

संजय सिंह ने कहा कि सोमवार को वक्फ पर आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेडकर के लिखे गए संविधान में अलग-अलग धर्मों के लोगों को मिले अधिकार के अनुरूप है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि वक्फ बाई यूजर को रद्द करने पर रोक लगा दी गई है. अब जिलाधिकारी निर्णय नहीं करेगा कि कोई प्रॉपर्टी वक्फ की है या नहीं है. केंद्रीय वक्फ बोर्ड का सीईओ मुस्लिम समुदाय का होना अनिवार्य है. राज्य वक्फ बोर्ड में तीन से ज्यादा सदस्य किसी और धर्म के नहीं हो सकते. केंद्रीय वक्फ बोर्ड में अधिकतम चार सदस्य गैर मुस्लिम हो सकते हैं. बोर्ड में बहुमत मुस्लिम समुदाय के लोगों का ही होगा. पांच साल तक मुस्लिम रीति-रिवाज मानने वाला व्यक्ति ही वक्फ को दान कर सकता है, इसे भी सुप्रीम कोर्ट ने गलत माना है.

महज एक रुपए में हरी भरी जंगल की 1050 एकड़ जमीन अडानी को दे दी

संजय सिंह ने कहा कि इस फैसले से यह भी साफ हो गया है कि बेवजह के मुद्दों में मोदी सरकार संसद सत्र का समय बर्बाद कर रही है. मोदी सरकार ने गैर संवैधानिक बिल पर सदन में चर्चा कराई और समय बर्बाद किया. आखिर में सुप्रीम कोर्ट से सुप्रीम तमाचा पड़ा गया. विपक्ष इस मुद्दे पर सही था, लेकिन केंद्र सरकार ने विपक्ष की कोई बात नहीं सुनी. मोदी जी से अनुरोध है कि वह अपने दोस्त की दोस्ती में इतने अंधे न हो जाएं. धार्मिक संपत्तियों पर कब्जा करके अपने पूंजीपति दोस्तों को देने की मुहिम पर रोक लगाएं. मोदी जी ने महज एक रुपए में हरी भरी जंगल की 1050 एकड़ जमीन अडानी को दे दी. इस जमीन को कागजों में बंजर दिखाया गया है. वहां एक लाख पेड़ भी हैं.

संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी का शुरूआत से स्टैंड रहा है कि वक्फ संशोधन बिल पूरी तरह से गैर संवैधानिक है और भारत में धर्म निरपेक्षता के ढांचे को बर्बाद करने की कोशिश है. यह धार्मिक संपत्तियों को कब्जा करके अपने पूंजीपति दोस्तों को देने की कोशिश है. इसलिए आम आदमी पार्टी ने शुरू से इस बिल का विरोध किया था.

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15 September 2025, 08:52 PM IST

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