Bay Leaf: वायरल इन्फेशन और मौसमी बीमारियों से बचाता है तेज पत्ता, वेट लॉस में भी है फायदेमंद

तेज पत्ता नाम का तेजपत्ता नहीं है। ये अपने औषधीय गुणों के कारण काफी तेज प्रदान करता है। ये वजन भी कम करता है और शरीर को स्वस्थ रखता है। इसे वायरल और फ्लू में काफी फायदेमंद कहा जाता है।

Vineeta Vashisth
Vineeta Vashisth
आपके किचन में रखा हर एक मसाला औषधीय गुणों की खान है।  आयुर्वेद में तेजपत्ते को तेज प्रदान करने वाला पत्ता कहा गया है क्योंकि ये सेहत को बहुत फायदा करता है। यूं तो तेजपत्ते का प्रयोग सब्जी और अन्य व्यंजनों में सुगंध बढ़ाने के लिए डाला जाता है लेकिन इसके सेहत संबंधी फायदों को देखते हुए इसे औषधीय जड़ी बूटियों में शुमार किया जाता है। तेजपत्ता वजन कम करने के साथ साथ शरीर को सेहतमंद बनाता है और कई तरह के बैक्टीरियल इन्फेक्शन से शरीर को दूर रखता है। चलिए जानते हैं कि तेजपत्ते में शरीर को फायदा पहुंचाने वाले क्या क्या गुण हैं और इसे कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है।
 
तेजपत्ते के पोषक तत्व
 
तेज पत्ते में ढेर सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें पानी और ढेर सारी ऊर्जा के साथ  साथ कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन व विटामिन-सी जैसे पोषक तत्व होते हैं जो शरीर के लिए जरूरी माने जाते हैं। इसके अंदर एंटी बैक्टीरियल व एंटी फंगल गुण पाए जाते हैं जो बैक्टीरिया और मौसमी बीमारियों से शरीर को सुरक्षित रखते हैं। तेज पत्ते को औषधि बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
 
तेज पत्ते के फायदे - 
 
वजन घटाने में तेज पत्ते की काफी महत्वपूर्ण भूमिका है। तेज पत्ते में भूख को कंट्रोल करने के गुण हैं। इसके सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है और मेटाबॉलिज्म तेज होता है. इसके सेवन से शरीर में एक्स्ट्रा फैट गलकर निकल जाती है और वजन कम होने लगता है। इसलिए वेट लॉस के लिए इसे बेहतर माना  गया है।
 
कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने में तेजपत्ता काफी लाभदायक सिद्ध होता है। शोध में पता चला है कि तेज पत्ते में पाया जाने वाल इथेनॉल का  रस कोलेस्ट्रॉल के सीरम लेवन को कंट्रोल करने में हैल्प करता है। इस अर्क में मौजूद फेनौलिक यौगिक शरीर में  एंटीऑक्सीडेंट गतिविधियां तेज होती है और इसके चलते बैड  कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल कम होता है। इसकी वजह से गुड कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल का लेवल बढ़ता है।
 
तेज पत्ते में पाया जाने वाला लॉरिक एसिड किडनी की समस्याओं से राहत दिलाने में राहत दिलाने का काम करता है। इससे किडनी का इन्फेक्शन कम होता है और किडनी की कार्यप्रणाली तेज और मजबूत होती है। 
 
तेजपत्ते का इस्तेमाल जख्म औऱ घाव ठीक करने में काफी लाभकारी सिद्ध होता है। शोध में पाया गया है कि तेज पत्ते के अर्क  में पाए जाने वालेग्रेनुलेशन टिश्यू  जख्म को भरने में मदद करते हैं।
 
तेजपत्ते में एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। तेज पत्ते के प्रयोग से कैंडिडा एल्‍बीकैंस नामक संक्रमण को कम करने में मदद मिलता है। इसके अलावा शरीर में फंगस इन्फेक्शन खत्म करने में तेजपत्ता काफी प्रभावी पाया गया है। 
 
तेज पत्ते से संबंधित एक शोध में कहा गया है कि तेजपत्ते के अर्क से बने कैप्सूल के सेवन से डायबिटीज में काफी फायदा मिलता है। तेजपत्ता इंसुलिन गतिविधियों को तेज करता है जिससे शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बनाए रखने में सफलता मिलती है। इसलिए तेजपत्ते को शुगर की बीमारी में फायदेमंद कहा गया है। 
 
सांस सबंधी बीमारियों में तेजपत्ता काफी लाभ करता है। तेज पत्ता के सेवन से सूखी खांसी, वायरल फ्लू के साथ साथ सांस संबंधी बीमारियां जैसे ब्रोंकाइटिस, अस्थमा में भी काफी राहत मिलती है। कुछ शोधों में कहा गया है कि इन्फ्लूएंजा वायरस में भी तेज पत्ते के अर्क का सेवन करने से लाभ होता है क्योंकि इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। हैल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि तेज पत्ते के सेवन से श्वास नली में आई सूजन और उससे उत्पन्नन होने वाली समस्याओं से निजात मिलती है।
 
दांतों की देखभाल के लिए तेजपत्ता काफी उपयोगी है। ये मसूड़ों  से ब्लीडिंग रोकता और ढीले  मसूड़ों को कसता है। इसके सेवन से मुंह के बैक्टीरिया मर जाते हैं और मौखिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
 
कैसे करें इस्तेमाल -
 
तेजपत्ते  को सब्जियों और अन्य व्यंजनों में डाला जाता है।
तेज पत्ते का अर्क इस्तेमाल होता है। 
तेजपत्ते को जलाकर इसकी राख भी काफी काम आती है। 
तेज पत्ते की चाय भी बनती है। 
तेजपत्ते को पानी में उबालकर इसका काढ़ा बनता है।
calender
23 March 2023, 09:56 PM IST

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