महाराष्ट्र में जनादेश का अनादर, शरद पवार बोले, स्पष्ट बहुमत के बावजूद सरकार गठन में देरी चिंता का विषय

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आए एक सप्ताह बीत गया है लेकिन महाराष्ट्र की जनता को अभी भी मुख्यमंत्री का इंतजार है. मुंबई में शुक्रवार को महायुति के नेताओं की बैठक होनी थी. लेकिन अचानक एकनाथ शिंदे अपने गांव सतारा रवाना हो गए और बैठक रद्द हो गई.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों को आए एक हफ्ता हो गया है लेकिन अब तक मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान नहीं हो सका है. महायुति में इस बात को लेकर मंथन हो रहा है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. असमंसज की स्थित पर विपक्षी खेमे महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने महायुति और बीजेपी पर निशाना साधा है. एनसीपी (SP) के मुखिया शरद पवार ने शनिवार को मौजूदा स्थिति पर कहा कि महाराष्ट्र में जनादेश का सम्मान नहीं हो रहा है, ये अच्छी बात नहीं है.

शरद पवार ने कहा कि दिलचस्प बात ये है कि इतना स्पष्ट बहुमत होने के बाद भी अभी तक सरकार नहीं बन पाई है. इसका मतलब साफ है कि जनता द्वारा दिया गया जनादेश महायुति के लिए कोई मायने नहीं रखता. जो कुछ भी चल रहा है वह राज्य के लिए अच्छा नहीं है. ऐसा पहली बार हुआ है कि देश में हाल फिलहाल जो चुनाव हुए हैं. उससे लोगों में काफी बेचैनी है. लोग हताश हैं, निराश हैं.

ऐसा रहा तो देश में लोकतंत्र नष्ट हो जाएगा

शरद पवार ने अरोप लगाया कि इस बार महाराष्ट्र चुनाव में सत्ता का दुरुपयोग और पैसे का इस्तेमाल देखने को मिला है और इसके चलते लोगों में बैचेनी बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पूरी जनता को एक जन आंदोलन तैयार करना होगा. ऐसा लगता है कि देश में संसदीय प्रणाली नष्ट हो जाएगी. जब विपक्षी नेता संसद में इस मुद्दे पर सवाल उठाते हैं तो उन्हें बोलने नहीं दिया जाता. हर दिन सुबह 11:00 बजे विपक्षी नेता संसद में अपनी बात रखने के लिए आते हैं और कहते हैं कि उन्हें अपने मुद्दों पर बोलने दिया जाए. लेकिन उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं. अब जनता को खुद एक जन आंदोलन शुरू करना चाहिए.'

इधर शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन में हो रही देरी पर कहा, 'बीजेपी की क्या मजबूरी है. मोदी और शाह से सब डरते हैं. लेकिन 8 दिन बीत जाने के बाद भी महाराष्ट्र में सीएम क्यों नहीं बन रहा है? एकनाथ शिंदे तो अपने गांव जाकर बैठ गए हैं. शपथ ग्रहण कब होगा, किसी को जानकारी नहीं है. महाराष्ट्र में इस चुनाव के नतीजों के खिलाफ आंदोलन चल रहा है.' वहीं शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा, 'सीएम शिंदे को जब भी कुछ सोचना होता है, सोचने के लिए जब वक्त चाहिए होता है तो वह अपने गांव जाते हैं. बड़ा निर्णय लेना होता है तो वह गांव जाते हैं. वहां मोबाइल नेटवर्क नहीं आता है, इसलिए वहां आराम से सोचते हैं. वह जल्द ही कुछ बड़ा निर्णय लेंगे.'

महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन में क्यों हो रही देरी?

बता दें कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए 20 नवंबर, 2024 को हुए चुनाव में महायुति गठबंधन को 230 सीटों पर प्रचंड जीत मिली. विपक्षी महा​ विकास अघाड़ी गठबंधन सिर्फ 48 सीटों पर सिमट गया. महायुति में बीजेपी ने 132, शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं. एमवीए में शिवसेना यूबीटी ने 20, कांग्रेस ने 16 और एनसीपी (एसपी) ने 10 और सपा ने 2 सीटें जीतीं. अन्य 10 सीटें छोटे दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों के खाते में गईं. अब सरकार बनाने की कवायद के तहत बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के बीच बैठकों का दौर चल रहा है. मुख्यमंत्री और कैबिनेट को लेकर तीनों दलों के बीच आम सहमति बनने का इंतजार है. अभी तय नहीं हो पाया है कि शपथ ग्रहण किस दिन होगा.

calender
30 November 2024, 12:39 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो