'क्या आतंकवादियों के पास समय है?' पहलगाम हमले पर कांग्रेस नेता की टिप्पणी से विवाद, बीजेपी ने किया पलटवार
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार की टिप्पणी ने नया विवाद खड़ा कर दिया है. वडेट्टीवार ने हमले की जिम्मेदारी सरकार पर डालते हुए धर्म के आधार पर हत्या के दावों पर सवाल उठाए. भाजपा ने पलटवार करते हुए कांग्रेस पर पाकिस्तान को बचाने का आरोप लगाया. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य नेताओं के बयानों ने भी सियासी तापमान बढ़ा दिया है. देश में अब आतंकवाद पर सख्त कार्रवाई की मांग तेज हो गई है.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने सोमवार को इस हमले पर अपनी टिप्पणी से नया विवाद खड़ा कर दिया. वडेट्टीवार ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि आतंकी हमले की पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार को लेनी चाहिए. उन्होंने इस हमले में धर्म के आधार पर हत्याओं के दावों पर भी संदेह व्यक्त किया.
वडेट्टीवार ने कहा, "सरकार कह रही है कि आतंकियों ने लोगों से उनके धर्म पूछकर हत्या की. सवाल यह है कि क्या आतंकियों के पास इतना समय था कि वे पहचान पूछते और फिर गोली चलाते? उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस दावे को ही खारिज कर रहे हैं. आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता. जो भी इस हमले के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें पकड़कर कठोर कार्रवाई की जाए. यही देश की भावना है."
बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा
उनके इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी प्रतिक्रिया दी. भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर पाकिस्तान को क्लीन चिट देने का आरोप लगाया. उन्होंने एक वीडियो बयान में कहा, "कांग्रेस नेता लगातार पाकिस्तान को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. अब विजय वडेट्टीवार कह रहे हैं कि सरकार जिम्मेदार है, पाकिस्तान नहीं. वे आतंकवादियों के धर्म पूछने की बात पर भी सवाल उठा रहे हैं."
पूनावाला ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस नेताओं ने इस तरह के बयान दिए हैं. उन्होंने कहा कि एनसीपी के नेता अनिल देशमुख ने भी इसी तरह के संदेह जताए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि सर्वदलीय बैठकों में विपक्ष पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करता है, लेकिन बैठक से बाहर आते ही बयान बदल जाते हैं.
युद्ध के पक्ष में नहीं- सीएम सिद्धारमैया
भाजपा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर भी निशाना साधा है. सिद्धारमैया ने पहलगाम हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वे युद्ध के पक्ष में नहीं हैं और कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जानी चाहिए. सिद्धारमैया के इस बयान को पाकिस्तान के मीडिया चैनलों ने भी प्रमुखता से प्रकाशित किया.
बीजेपी ने पूछे कांग्रेस से सवाल
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने सिद्धारमैया पर निशाना साधते हुए कहा, "आज कांग्रेस के बड़े नेताओं के बयान पाकिस्तान के मीडिया में बजाए जा रहे हैं. क्या यह देश के हित में है? कर्नाटक के आबकारी मंत्री रामप्पा तिम्मापुर ने भी आतंकियों के धर्म आधारित हमलों के दावों को खारिज किया, जो पीड़ित परिवारों का अपमान है."
पात्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता आतंकवाद के मुद्दे पर जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं और शहीदों के बलिदान का अपमान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ पूरे देश को एकजुट होना चाहिए, न कि बयानबाजी से दुश्मन देशों को मौका देना चाहिए.
आतंकवादी हमले पर राजनीतिक बहस छिड़ी
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी क्षेत्र में हुए इस आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे. हमले के बाद देशभर में गुस्सा और शोक की लहर दौड़ गई थी. केंद्र सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
भाजपा नेताओं का कहना है कि आतंकवाद पर सख्त कार्रवाई ही शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी, जबकि विपक्षी दलों के बयानों ने एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर विषय को राजनीतिक बहस में बदल दिया है. फिलहाल, पूरे देश की नजर सरकार की आगे की रणनीति और कार्रवाई पर टिकी हुई है.


