दिल्ली में हल्ला, बिहार में सहयोग… SIR पर विपक्ष की दोहरी राजनीति बेनकाब, EC ने वीडियो से खोला पूरा सच
बिहार के मतदाता सूची विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्ष के आरोपों पर चुनाव आयोग ने बड़ा पलटवार किया है। EC ने कांग्रेस, राजद और CPI(M) नेताओं के सहयोग करते हुए वीडियो जारी कर विपक्ष की दोहरी राजनीति उजागर कर दी है।

National News: चुनाव आयोग ने सोमवार को साफ कहा कि दिल्ली में भले ही कांग्रेस समेत विपक्ष SIR का विरोध कर रहा हो, लेकिन बिहार में उन्हीं दलों के पदाधिकारी इस प्रक्रिया में पूरा सहयोग दे रहे हैं। EC ने भागलपुर, गोपालगंज और पूर्णिया जिलों के कांग्रेस, राजद और CPI(M) नेताओं के वीडियो पेश किए, जिनमें वे खुद मतदाता सूची के ड्राफ्ट की प्राप्ति और नाम जुड़वाने की प्रक्रिया की पुष्टि कर रहे हैं। इससे विपक्ष की दोहरी रणनीति साफ हो गई, जिसमें दिल्ली में विरोध और बिहार में समर्थन एक साथ चल रहा है।
आयोग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के गंभीर आरोपों पर दो टूक जवाब दिया है। EC ने कहा कि राहुल के पास अब भी समय है कि वह अपने आरोप शपथ पत्र के साथ पेश करें या फिर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें। कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों ने भी उन्हें नोटिस और रिमाइंडर भेजकर जवाब देने को कहा है। EC ने साफ किया कि बिना सबूत लगाए गए आरोप लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करते हैं और इस पर कड़ा रुख अपनाया जाएगा।
जमीन पर अलग तस्वीर
दिल्ली में तीखे भाषण और विरोध प्रदर्शनों के विपरीत, बिहार के कई जिलों में विपक्षी दलों के नेता SIR को सफल बनाने में सक्रिय हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, स्थानीय पदाधिकारी मतदाता सूची में कटे नामों की पहचान कर उन्हें फिर से जोड़ने की प्रक्रिया में जुटे हैं। इस सहयोग से साफ है कि जमीन पर काम और दिल्ली की राजनीति में विरोध, दोनों अलग-अलग चल रहे हैं।
कांग्रेस की मीटिंग में गैरहाज़िरी
आयोग ने कांग्रेस सहित विपक्ष को सोमवार दोपहर 12 बजे मीटिंग का समय दिया था, लेकिन तय वक्त पर कोई भी नेता EC मुख्यालय नहीं पहुंचा। बैठक में अधिकतम 30 लोगों को शामिल होने की अनुमति थी और उनके नाम व वाहन नंबर पहले से देने को कहा गया था। गैर-हाज़िरी ने कांग्रेस के तेवरों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
वीडियो सबूतों का असर
EC द्वारा जारी वीडियो में विपक्षी दलों के जिला पदाधिकारी खुद कह रहे हैं कि उन्हें मतदाता सूची और कटे नामों की जानकारी दी गई है। उन्होंने यह भी माना कि एक महीने का समय मिलने पर नाम सुधार और जुड़ाव की कार्रवाई की जाएगी। इन वीडियो के बाद विपक्ष की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं और कांग्रेस बचाव की मुद्रा में है।
जनता के सामने सच्चाई
आयोग ने कहा कि पारदर्शिता लोकतंत्र की जान है और जनता को यह हक है कि उसे असल तस्वीर पता हो। SIR का मकसद मतदाता सूची को सही और निष्पक्ष बनाना है। इस प्रक्रिया में राजनीति से ऊपर उठकर सभी दलों को सहयोग करना चाहिए। EC ने विपक्ष से अपील की है कि वे राजनीति के बजाय जनता के अधिकारों को प्राथमिकता दें।
विपक्ष की साख पर असर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि EC के इन सबूतों ने विपक्ष के आरोपों को कमजोर कर दिया है। यदि विपक्ष के नेता अपने ही पदाधिकारियों की कार्यवाही के उलट बयान देंगे, तो यह उनकी साख को नुकसान पहुंचाएगा। यह मामला अब सिर्फ चुनावी बहस नहीं, बल्कि विपक्ष की विश्वसनीयता का भी इम्तिहान बन गया है।


