स्वदेशी अपनाओ: ट्रंप के टैरिफ के बाद अब देश में तेज हो रहा स्वदेशी अभियान, पीएम मोदी से लेकर ये नेता कर चुके हैं अपील
अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर उच्च टैरिफ लगाने के बाद देश में स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने की भावना तेज हो गई है. प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री योगी और शिवराज चौहान ने आत्मनिर्भर भारत का समर्थन किया. स्टार्टअप्स और जनता स्थानीय विकल्पों को अपनाने पर जोर दे रहे हैं. सरकार भी 'ब्रांड इंडिया' के लिए आर्थिक योजना बना रही है.

महिला त्योहार रक्षाबंधन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनता को 'स्वदेशी खरीदो' का आवाहन किया. चौहान ने कहा कि रक्षा करते समय देश की रक्षा करने का संकल्प लें; हम स्वदेशी खरीदेंगे. इसी समय, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी दी कि विदेशी कंपनियों के मुनाफे का इस्तेमाल आतंकवाद, नक्सलवाद, धर्मांतरण और 'लव जिहाद' जैसे कट्टरपंथी प्रयासों के वित्तपोषण में हो सकता है.
मन की बात में महात्मा गांधी का हवाला
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में महात्मा गांधी द्वारा प्रोत्साहित स्वदेशी भावना का जिक्र किया. उन्होंने वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि भारत की सच्ची सेवा स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देने में है. यह उनके 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' जैसे अभियानों का भी उत्तराधिकारी स्वरूप है.
अमेरिकी टैरिफ के बाद बदला लोगों का मन
भारतीय वस्तुओं पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 50% तक के भारी टैरिफ के बाद देश में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की भावनाएं तेज हो गई हैं. यह कदम अमेरिकी दृष्टिकोण से भारत के रूसी तेल आयात की प्रतिक्रिया है, लेकिन भारत ने इसे 'अनुचित' करार दिया है और साथ ही ऐसे कई देशों का हवाला दिया, जो रूस के साथ व्यापार जारी रखे हुए हैं.
जनता की सोच में हो रहा बदलाव
रिटेल से लेकर टेक स्टार्टअप क्षेत्र तक कई लोग और संगठन जैसे कि स्वदेशी जागरण मंच, स्वदेशी विकल्पों की रैलियां और प्रचार कर रहे हैं. मैकडॉनल्ड्स, कोका-कोला, अमेज़न और एप्पल जैसे ब्रांड बिना प्रत्यक्ष असर के अभी भी बाजार में मजबूत हैं, लेकिन भावना स्पष्ट है, “लोकल को प्राथमिकता दें”. हालांकि बिक्री में तुरंत गिरावट नहीं देखी गई, लेकिन जनता की सोच में बदलाव हो रहा है.
स्टार्टअप्स और स्थानीय तकनीकी विकल्पों की मांग
स्टार्टअप जगत में इस बदलाव की भावना स्पष्ट दिखाई दी. लिंक्डइन पर कई तकनीकी संस्थापकों ने कहा कि भारत को चीन की तरह स्थानीय डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म विकसित करने चाहिए, जैसे खुद का ट्विटर, यूट्यूब या व्हाट्सएप. इस चेतना को वीवर्स की ओऱ से आर्थिक आत्मनिर्भरता का नाम दिया जा रहा है.
नीति के पीछे आर्थिक रणनीति
सरकार ने भी प्रतिक्रिया में मसौदा तैयार किया है. बताया जा रहा है कि घरेलू कारोबार को तय करने हेतु 20,000 करोड़ रुपए के राहत पैकेज पर काम चल रहा है, जिससे 'ब्रांड इंडिया' को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा मिले.


