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भारतीय सेना प्रमुख ने हामास को घोषित किया आतंकवादी संगठन, भारत की सुरक्षा नीति में बड़ा बदलाव

भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पहली बार हामास को आतंकवादी संगठन घोषित किया है, जिससे भारत की सुरक्षा नीति में बदलाव का संकेत मिलता है. उन्होंने कहा कि हामास, लश्कर-ए-तैयबा और द रेसिस्टेंस फ्रंट भारत के लिए खतरा हैं. हामास की कश्मीर में सक्रियता की खबरों के बाद भारत ने आतंकवाद से लड़ने के लिए अपने रुख को और सख्त कर दिया है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Indian Army: भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान में हामास को आतंकवादी संगठन की श्रेणी में शामिल किया है. उन्होंने कहा कि हामास, लश्कर-ए-तैयबा (LeT), द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) जैसे समूह भारत के लिए चिंता का विषय हैं. यह पहली बार है जब किसी भारतीय सेना प्रमुख ने हामास को सार्वजनिक रूप से आतंकवादी कहा है. इससे पहले भारत ने इस संगठन को आधिकारिक तौर पर आतंकवादी संगठन घोषित नहीं किया था, जबकि अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ जैसे पश्चिमी देशों ने इसे पहले ही आतंकवादी माना हुआ है.

हामास के हमले और कश्मीर में सक्रियता की खबरें

दरअसल, हामास ने अक्टूबर 2023 में इजरायल पर एक बड़ा हमला किया था, जिससे गाजा में युद्ध शुरू हुआ और हजारों लोगों की जान गई. हालांकि हामास ने अब तक कश्मीर के संघर्ष में सीधे तौर पर हिस्सा नहीं लिया था, लेकिन इस साल पाकिस्तान-शासित कश्मीर में हामास के सक्रिय होने की खबरें सामने आईं. सोशल मीडिया पर हामास के सदस्यों को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे अन्य आतंकवादी समूहों के साथ देखा गया, जो भारत के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे.

भारत की बदलती सुरक्षा नीति और रणनीति
पहले इजरायल ने भारत से हामास को आतंकवादी घोषित करने का आग्रह किया था, लेकिन भारत ने अपनी विदेश नीति के कारण इस कदम से दूरी बनाई. जनरल द्विवेदी के बयान से यह साफ होता है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति में बदलाव कर रहा है और केवल दक्षिण एशिया तक सीमित नहीं रहना चाहता. भारत अब उन आतंकवादी समूहों पर भी नजर रख रहा है जिनका वैश्विक स्तर पर प्रभाव है और जो कश्मीर जैसे संवेदनशील इलाकों से जुड़े हैं. यह बदलाव ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियान के बाद आया है, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक नई दिशा है.

सुरक्षा और स्थिरता के लिए बढ़ती सतर्कता
यह बयान भारत की बढ़ती सुरक्षा सतर्कता और आतंकवाद के खिलाफ कठोर रुख का प्रतीक है. इससे न केवल भारत की सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि यह वैश्विक आतंकवाद से मुकाबले में भी उसकी भूमिका को और सशक्त बनाएगा. भारत की यह नई रणनीति क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

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11 August 2025, 07:38 PM IST

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