'युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत...', ट्रंप की टैरिफ धमकियों के बीच ज़ेलेंस्की ने पीएम मोदी को किया फोन
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और पीएम मोदी ने फोन पर वार्ता की, जिसमें युद्ध समाप्ति, शांति प्रयासों में भारत की भूमिका और रूस से तेल खरीद पर अमेरिकी टैरिफ जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. जेलेंस्की ने रूसी ऊर्जा पर प्रतिबंध की मांग की, जबकि मोदी ने शांतिपूर्ण समाधान में भारत की प्रतिबद्धता दोहराई.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमीर जेलेंस्की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सोमवार को फोन पर बातचीत हई. यह वार्ता ऐसे समय में हुई है जब भारत को रूस से तेल खरीदने के कारण अमेरिका की ओर से उच्च आयात शुल्क (टैरिफ) का सामना करना पड़ रहा है. जेलेंस्की ने बातचीत के बाद एक बयान में कहा कि भारत का समर्थन यूक्रेन के शांति प्रयासों के लिए अहम है.
यूक्रेन से संबंधित निर्णयों में भागीदारी जरूरी
जेलेंस्की ने जोर देकर कहा कि किसी भी समाधान में यूक्रेन की भागीदारी अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि भारत हमारे शांति प्रयासों का समर्थन कर रहा है और इस बात से सहमत है कि यूक्रेन से जुड़े हर निर्णय में हमारी सीधी भूमिका होनी चाहिए. अन्य किसी प्रारूप में निर्णय लेने से स्थायी परिणाम नहीं मिल सकते.
On his telephonic conversation with the President of Ukraine, Volodymyr Zelenskyy, Prime Minister Narendra Modi tweets, "Glad to speak with President Zelenskyy and hear his perspectives on recent developments. I conveyed India’s consistent position on the need for an early and… pic.twitter.com/SzRceqmsEb
— ANI (@ANI) August 11, 2025
भारत भी प्रतिबद्ध
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर बातचीत की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि मैंने राष्ट्रपति जेलेंस्की को भारत की यह स्थायी नीति दोहराई कि संघर्ष का शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान आवश्यक है. भारत इस दिशा में हरसंभव योगदान देने को तैयार है. उन्होंने आगे कहा कि भारत-यूक्रेन द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत बनाने के लिए भारत प्रतिबद्ध है. यह बयान ऐसे समय आया है जब वैश्विक मंच पर भारत की मध्यस्थ भूमिका को लेकर उम्मीदें जताई जा रही हैं.
रूसी ऊर्जा पर जेलेंस्की की राय
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने युद्ध को चौथे वर्ष में प्रवेश करते हुए रूस पर दबाव बनाने की ज़रूरत को दोहराया. उन्होंने रूस की आर्थिक ताकत को कमज़ोर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उसके ऊर्जा निर्यात, विशेष रूप से तेल, पर सख्त प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि रूसी तेल और ऊर्जा संसाधनों के निर्यात को सीमित करना जरूरी है ताकि युद्ध को जारी रखने के लिए रूस की आर्थिक शक्ति को कमजोर किया जा सके.
भारत पर अमेरिकी टैरिफ का दबाव
इस बीच, अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर 50 प्रतिशत तक का आयात शुल्क लगा दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया कि भारत रूस से तेल खरीदकर 'युद्ध मशीन को ईंधन' दे रहा है और इसी कारण उन्होंने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की.


