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बेहोश होना, बैरिकेड कूदना और हिरासत में लिया जाना...इंडिया ब्लॉक के विरोध मार्च में क्या-क्या हुआ?

बिहार में मतदाता सूची संशोधन (SIR) के खिलाफ विपक्षी नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी सांसदों ने दिल्ली में चुनाव आयोग तक मार्च किया, जिसे पुलिस ने रोक दिया. कई नेता हिरासत में लिए गए और बाद में रिहा हुए. विपक्ष ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

दिल्ली में सोमवार को उस समय हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और वोट चोरी के खिलाफ विरोध जताने के लिए संसद भवन से चुनाव आयोग तक विरोध मार्च निकाला. दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी सांसदों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए बैरिकेड्स लगा दिए. कई सांसद सड़क पर बैठ गए और बिहार में SIR के खिलाफ नारे लगाने लगे, जबकि कुछ सांसद बैरिकेड्स पर चढ़कर चुनाव आयोग के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.

थाने ले गई पुलिस

पुलिस ने राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई सांसदों को हिरासत में लेकर संसद मार्ग थाने ले गई. बाद में सभी नेताओं को रिहा कर दिया गया. यह ताज़ा घटनाक्रम मौजूदा मानसून सत्र के दौरान संसद परिसर में विपक्ष के हफ़्तों से चल रहे विरोध प्रदर्शन का नतीजा है. नेतागण दोनों सदनों में SIR पर चर्चा की भी मांग कर रहे हैं.

जयराम रमेश ने चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी

इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि विपक्षी नेताओं को उनके साथ बैठक करने और बिहार में एसआईआर अभ्यास तथा अन्य मुद्दों पर चर्चा करने की अनुमति दी जाए. उन्होंने पत्र में कहा कि सांसद बिहार में किए जा रहे और अन्य राज्यों में भी प्रस्तावित मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण सहित कई मुद्दों पर आयोग के साथ सामूहिक रूप से बैठक करना चाहते हैं. रमेश ने आगे कहा कि हम आयोग के साथ बैठक के लिए उत्सुक हैं, जो हमारे संसदीय लोकतंत्र की सर्वोच्च परंपरा के अनुरूप होगी.

भारत ब्लॉक का चुनाव आयोग तक मार्च

राहुल ने किया भारत ब्लॉक विरोध मार्च का नेतृत्व: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बिहार में चुनावी मतदाता सूची में गड़बड़ी के खिलाफ चुनाव आयोग तक विपक्षी ब्लॉक के विरोध मार्च का नेतृत्व किया. साड़ी पहने प्रियंका गांधी वाड्रा, महुआ मोइत्रा और कई अन्य महिला नेता ज़मीन पर बैठीं, बैरिकेड्स पर चढ़ीं और चुनाव आयोग के खिलाफ नारे लगाए. हालांकि, विरोध प्रदर्शन से पहले, दिल्ली पुलिस ने सोमवार को कहा कि किसी ने भी विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं मांगी थी.

महुआ मोइत्रा बेहोश: टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और मिताली बाग के विरोध प्रदर्शन के दौरान बेहोश होने से माहौल फिर से बिगड़ गया. नेताओं के सहयोगियों ने बेहोश हुए लोगों की देखभाल की, सागरिका घोष ने इस तनावपूर्ण स्थिति का एक वीडियो पोस्ट किया.

राहुल गांधी, विपक्षी नेता हिरासत में: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा, मल्लिकार्जुन खड़गे और कई अन्य विपक्षी नेताओं को दिल्ली पुलिस ने संसद से चुनाव आयोग तक उनके मार्च को रोक दिया, जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया. संसद के मकर द्वार से सुबह करीब 11:30 बजे शुरू हुए इस मार्च में लोकसभा और राज्यसभा के 300 से ज़्यादा सांसद शामिल थे. हिरासत में लिए गए नेताओं को एक बस में संसद मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया. बाद में सभी को रिहा कर दिया गया. रिहा होने के बाद राहुल गांधी ने वोट चोरी के खिलाफ आंदोलन में समर्थन के लिए अपने साथी सांसदों का 'हार्दिक धन्यवाद' किया. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि जैसा कि मैंने कहा, यह लड़ाई राजनीतिक नहीं है—यह लोकतंत्र, संविधान और मतदान के अधिकार की रक्षा के लिए है, और हम इसे मिलकर हासिल करेंगे.

'लोकतंत्र पर हमला, चुराओ आयोग': हिरासत में लिए जाने के कारण विरोध मार्च बाधित होने पर विपक्षी नेताओं ने भारी नारेबाजी की. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि संसद के ठीक बाहर लोकतंत्र पर 'हमला और हत्या' की जा रही है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग 'चुराओ आयोग' नहीं हो सकता. प्रदर्शनकारी सांसदों के सामने लगे बैनरों में से एक पर लिखा था, SIR वोट चोरी 'लोकतंत्र की हत्या', जबकि दूसरे पर लिखा था, "SIR - लोकतंत्र पर वार". सांसद सफेद टोपियां पहने हुए थे जिन पर 'SIR' और 'वोट चोरी' शब्दों पर लाल क्रॉस का निशान बना था. विपक्षी नेताओं ने 'SIR पर छुपी क्यों' लिखी तख्तियां भी ले रखी थीं, जिन पर चुनाव आयोग और सरकार के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया गया था.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर बोले- चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए': कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि चुनाव आयोग को अपनी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए राहुल गांधी द्वारा उठाए गए मुद्दों का समाधान करना चाहिए . उन्होंने कहा कि जब तक लोगों के मन में चुनावों की निष्पक्षता को लेकर संदेह है, तब तक यह चुनाव आयोग की विश्वसनीयता को चोट पहुंचा रहा है. जब तक ये संदेह दूर हो जाते हैं, तब तक चुनाव आयोग की विश्वसनीयता वापस आ सकती है. चुनाव आयोग का अपना हित इन सवालों के समाधान में है.

अखिलेश यादव बैरिकेड कूदे: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को दिल्ली पुलिस का बैरिकेड कूदते देखा गया, जब विपक्षी नेताओं को चुनाव आयोग तक मार्च करने से रोका जा रहा था. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि वे 'वोट बचाने' के लिए बैरिकेड कूद रहे थे. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम वोट बचाने के लिए बैरिकेड कूद रहे हैं, चुनाव आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए. मैंने खुद 18,000 हटाए गए वोटों की सूची दी है. चुनाव आयोग ने हलफनामा मांगा था, हमने दे दिया. सभी को वोट देने का अधिकार होना चाहिए.

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11 August 2025, 06:43 PM IST

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