'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल के विरोध में उतरी कांग्रेस-सपा, नीतीश-नायडू और YSR ने किया सपोर्ट
One nation one election: 'वन नेशन वन इलेक्शन' विधेयक आज लोकसभा में पेश किया गया. इसी बीच कई दल इस बिल का समर्थन कर रहे हैं, तो वहीं कई विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया हैं. एनडीए, टीडीपी और YSR कांग्रेस ने इस विधेयक पर समर्थन जताया. दूसरी ओर, कांग्रेस और सपा इस बिल का विरोध कर रही हैं.

One nation one election: 'वन नेशन वन इलेक्शन' से जुड़ा विधेयक 2024 आज लोकसभा में पेश किया गया. कई दल इस बिल का समर्थन कर रहे हैं, तो कई विपक्षी दलों ने इस विधेयक का खुला विरोध जताया है. एनडीए के सहयोगी दलों जेडीयू (नीतीश कुमार की पार्टी) और टीडीपी (चंद्रबाबू नायडू की पार्टी) ने इस विधेयक को समर्थन दिया है. साथ ही, YSR कांग्रेस ने भी इस बिल के पक्ष में अपनी राय रखी है.
मायावती ने भी विधेयक का समर्थन करते हुए कहा है कि उनके सांसद इस बिल के पक्ष में मतदान करेंगे. YSRCP के नेता मिथुन रेड्डी ने कहा, "हम पहले से ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ में कराते रहे हैं, इसलिए हमें इस विधेयक से कोई समस्या नहीं है."
विधेयक के विरोध में विपक्षी दल
वहीं, विपक्षी दलों ने इस विधेयक को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने इसे असंवैधानिक बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह बिल संविधान बदलने की ओर एक कदम है. कांग्रेस ने इसके विरोध में आज सुबह 10:30 बजे संसदीय दल की बैठक बुलाई थी. कांग्रेस के लोकसभा सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी कर सदन में अनिवार्य उपस्थिति के निर्देश दिए गए हैं.
सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि यह बिल संविधान के खिलाफ है. वहीं, अखिलेश यादव ने भी सोशल मीडिया पर लंबा पोस्ट लिखकर इस विधेयक की आलोचना की.
शिवसेना (उद्धव गुट) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "यह बिल संविधान पर हमला है और चुनाव प्रक्रिया के साथ छेड़छाड़ है. बीजेपी सत्ता हथियाने के लिए ऐसा कर रही है."
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, ममता बनर्जी, आरजेडी, पीडीपी, और जेएमएम समेत कई अन्य दलों ने भी इस विधेयक का खुला विरोध किया है.
लोकसभा में विधेयक पर चर्चा का एजेंडा
लोकसभा के एजेंडे के मुताबिक, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल संविधान (129वां संशोधन) विधेयक 2024 को पेश करेंगे. इसके बाद मेघवाल, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से अनुरोध करेंगे कि इस विधेयक को विचार-विमर्श के लिए संसद की संयुक्त समिति के पास भेजा जाए.


