'पाकिस्तान रत्न' बन गए हैं सिद्धारमैया... कर्नाटक CM के बयान पर BJP ने उठाए सवाल, जानिए क्या है मामला

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के पाकिस्तान के साथ युद्ध के खिलाफ दिए गए बयान ने देशभर में विवाद खड़ा कर दिया है. बीजेपी ने सिद्धारमैया को 'पाकिस्तान रत्न' करार दिया और उनके बयान की कड़ी आलोचना की.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के "पाकिस्तान के साथ युद्ध के पक्ष में नहीं" वाले बयान ने देशभर में भारी बवाल खड़ा कर दिया है. बीजेपी ने उन पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें "पाकिस्तान रत्न" तक कह दिया. वहीं, पाकिस्तान के प्रमुख मीडिया चैनल 'जियो न्यूज' समेत कई पाकिस्तानी मीडिया संस्थानों ने भी सिद्धारमैया के बयान को प्रमुखता से कवर किया, और इसे "भारत के भीतर से उठती युद्ध विरोधी आवाज़ें" बताया.

सिद्धारमैया ने अब सफाई दी है कि उन्होंने कभी यह नहीं कहा कि भारत को पाकिस्तान से युद्ध नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर युद्ध अपरिहार्य हो तो देश को युद्ध करना चाहिए. आइए जानते हैं इस पूरे विवाद के हर पहलू को विस्तार से.

सिद्धारमैया की सफाई

अपने बयान पर मचे विवाद के बाद सिद्धारमैया ने आज सफाई दी. उन्होंने कहा, "मैंने कभी नहीं कहा कि हमें पाकिस्तान से कभी युद्ध नहीं करना चाहिए. मैंने सिर्फ इतना कहा कि युद्ध समाधान नहीं है. पर्यटकों को सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए थी. किसकी जिम्मेदारी थी यह? मैंने कहा कि इसमें विफलता हुई है." उन्होंने आगे कहा कि खुफिया तंत्र की विफलता है. भारत सरकार ने पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी. जहां तक युद्ध की बात है, यदि युद्ध अनिवार्य है तो हमें जरूर युद्ध करना चाहिए.

कैसे शुरू हुआ विवाद?

सिद्धारमैया ने पहले अपने बयान में कहा था कि भारत को पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा था, "सख्त सुरक्षा उपाय किए जाने चाहिए. हम युद्ध के पक्ष में नहीं हैं. शांति रहनी चाहिए, लोगों को सुरक्षित महसूस होना चाहिए और केंद्र सरकार को प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए."उनके इस बयान ने विपक्ष को हमला करने का मौका दे दिया.

पाकिस्तान में भी बना मुद्दा

पाकिस्तान के प्रमुख मीडिया चैनल 'जियो न्यूज' सहित कई पाकिस्तानी मीडिया हाउस ने सिद्धारमैया के बयान को प्रमुखता से दिखाया. 'जियो न्यूज' ने इसे "भारत के भीतर से उठती युद्ध विरोधी आवाजें" करार दिया. कर्नाटक बीजेपी प्रमुख बीवाई विजयेंद्र ने एक वीडियो क्लिप शेयर करते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, 'सीएम सिद्धारमैया को सरहद पार से मिल रही है बधाइयां! पाकिस्तानी मीडिया उनकी जमकर तारीफ कर रहा है और इस बात से निराश है कि भारत में बीजेपी और अन्य लोग उनके बयान की आलोचना कर रहे हैं.'

नेहरू से तुलना

बीवाई विजयेंद्र ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जिक्र करते हुए कहा,  
"नेहरू को रावलपिंडी की सड़कों पर खुली जीप में घुमाया गया था, जब पाकिस्तान सिंधु जल समझौते पर हस्ताक्षर से खुश था. अब क्या सिद्धारमैया अगले भारतीय नेता होंगे जिन्हें पाकिस्तान में खुली जीप में घुमाया जाएगा?"

 बीजेपी नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया

पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सिद्धारमैया पर निशाना साधते हुए कहा, "जब देश को एकजुट होकर खड़े होने की जरूरत है, तब इस तरह के बयान निंदनीय और बचकाने हैं. उन्हें सच्चाई समझनी चाहिए और ऐसे बयान नहीं देने चाहिए. यह उनके मुख्यमंत्री पद के अनुकूल नहीं है. मैं इसकी निंदा करता हूं. उन्हें देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए."

कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने तो सिद्धारमैया को सीधे "पाकिस्तान रत्न" करार दे दिया. उन्होंने कहा,  
"मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, आप अपनी बचकानी और बेतुकी बातों के कारण पाकिस्तान में रातोंरात विश्व प्रसिद्ध हो गए हैं."

कांग्रेस के भीतर भी विरोध के सुर

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एचआर श्रीनाथ ने सिद्धारमैया के बयान को पार्टी का आधिकारिक रुख मानने से इनकार करते हुए कहा,  
"यह सिद्धारमैया का व्यक्तिगत बयान है, कांग्रेस पार्टी का नहीं. अगर वह व्यक्तिगत बयान देना चाहते हैं, तो पार्टी और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर ऐसा कर सकते हैं. राहुल गांधी और अन्य नेताओं ने एकता का आह्वान किया है, ऐसे में व्यक्तिगत बयान देना गलत है."

वहीं, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने इस विवाद पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा, "कांग्रेस पार्टी ने आतंकी हमले के खिलाफ अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. मुख्यमंत्री ने क्या कहा है, इस पर मैं टिप्पणी नहीं करूंगा. इसके लिए आपको उन्हीं से पूछना चाहिए."

बैसारण घाटी आतंकी हमले के बाद बढ़ा तनाव

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसारण घाटी में हुए आतंकी हमले में 25 पर्यटकों और एक कश्मीरी पोनी राइड ऑपरेटर की मौत हो गई थी. इस नृशंस हमले के बाद पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है. भारत ने इसके बाद कई सख्त कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं रोकना शामिल है.पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई में सभी द्विपक्षीय समझौतों को निलंबित करने की चेतावनी दी है.

 प्रधानमंत्री मोदी का सख्त संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले पर कहा था, "करगिल से कन्याकुमारी तक देश में शोक और आक्रोश है. यह हमला सिर्फ निर्दोष पर्यटकों पर नहीं था, बल्कि भारत की आत्मा पर हमला था. आतंकियों और उनके साजिशकर्ताओं को ऐसी सजा दी जाएगी जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी."

विपक्ष ने जताया सरकार को समर्थन

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी सरकार को आतंक के खिलाफ कार्रवाई में पूरा समर्थन देने की बात कही है.

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27 April 2025, 04:24 PM IST

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