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वोटर कार्ड से लिंक होगा Aadhar Card, इलेक्शन कमीशन और गृह मंत्रालय ने लिया बड़ा फैसला 

मतदाता पहचान पत्र यानी वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक करने का काम आने वाले महीनों में तेज होने वाला है. इसको लेकर गृह मंत्रालय और निर्वाचन आयोग के बीच बैठक हुई है. सरकार ने कहा कि यह कार्य संविधान के दायरे में किया जाएगा, क्योंकि मतदान का अधिकार सिर्फ भारतीय नागरिकों को है, जबकि आधार सिर्फ पहचान के लिए बनाया गया है.

Aadhar Card will be linked to Voter Card: वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया को लेकर निर्वाचन आयोग और गृह मंत्रालय के बीच हाल ही में एक अहम बैठक हुई. इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि आगामी महीनों में वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने का अभियान तेज किया जाएगा. निर्वाचन आयोग इसे संविधान और कानून के दायरे में रखते हुए लागू करेगा, जिसमें अनुच्छेद 326 और आरपी अधिनियम 1950 के प्रावधानों का पालन किया जाएगा.

इस निर्णय के तहत, EPIC (इलेक्टोरल फोटो पहचान पत्र) को आधार नंबर से जोड़ने के लिए UIDAI और निर्वाचन आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच जल्द ही तकनीकी परामर्श शुरू होगा. इस बैठक में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी सहित गृह मंत्रालय, विधि मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, और यूआईडीएआई के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया.

संविधान के तहत होगा आधार-वोटर कार्ड लिंक

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, केवल भारतीय नागरिक को मताधिकार प्राप्त है, जबकि आधार कार्ड केवल व्यक्ति की पहचान स्थापित करता है. इस कारण से EPIC और आधार को जोड़ने का कार्य केवल संविधान और अन्य संबंधित कानूनों के प्रावधानों के तहत किया जाएगा. सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के आधार पर इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा.

यह कदम मतदाता सूची में गड़बड़ियों को दूर करने और देश में निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है. आयोग का उद्देश्य यह है कि एक व्यक्ति एक ही स्थान पर वोटिंग के लिए पंजीकृत हो और कोई भी मतदाता दो जगहों पर पंजीकृत न हो.

इन पार्टियों ने खड़े किए सवाल

इस बैठक के दौरान राजनीतिक दलों ने भी कई सवाल उठाए, विशेषकर तृणमूल कांग्रेस, शिव सेना (UBT), एनसीपी (SCP) और बीजेडी ने एक ही EPIC नंबर वाले मतदाताओं के मुद्दे को उठाया. आयोग ने स्वीकार किया कि कुछ राज्यों में खराब अल्फान्यूमेरिक सीरीज के कारण गलती से एक ही नंबर दोबारा जारी हो गए थे, लेकिन इसे फर्जीवाड़ा नहीं माना जा सकता. अब आयोग ने इस समस्या का स्थायी समाधान खोजने के लिए ठोस कदम उठाए हैं.

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18 March 2025, 07:29 PM IST

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