उपराष्ट्रपति के चुनाव के बाद बीजेपी को मिल सकता है नया अध्यक्ष, 100 नेताओं संग हुआ मंथन
भाजपा को जल्द ही नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है, लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव, राज्यों में लंबित नियुक्तियां और संगठनात्मक विचार-विमर्श के कारण देरी हो रही है. यूपी, गुजरात जैसे बड़े राज्यों में अभी नए अध्यक्ष नहीं चुने गए हैं. जेपी नड्डा का कार्यकाल पूरा हो चुका है और अब युवा नेताओं को मौका देने की तैयारी है.

बिहार चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले भाजपा को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने की संभावना है, सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि पार्टी नए राष्ट्रीय नेतृत्व के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रही है, लेकिन कई कारणों से चयन में देरी हो रही है. इसका एक प्रमुख कारण यह है कि व्यापक विचार-विमर्श हुआ है. भारतीय जनता पार्टी और उसके वैचारिक मार्गदर्शक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेताओं ने नामों के लिए 100 शीर्ष हस्तियों से संपर्क किया है.
उपराष्ट्रपति चुनाव की वजह से देरी
सूत्रों ने बताया कि पूर्व पार्टी प्रमुखों और वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों के साथ-साथ आरएसएस या भाजपा से जुड़े और संवैधानिक पदों पर आसीन नेताओं से भी बातचीत की गई है. देरी का एक अन्य कारण 9 सितंबर को होने वाला उपराष्ट्रपति चुनाव है.
भाजपा को इस समय उपराष्ट्रपति चुनाव की उम्मीद नहीं थी. लेकिन अब जब जगदीप धनखड़ के पिछले महीने अचानक इस्तीफे के बाद यह जरूरी हो गया है, तो पार्टी यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि उसके उम्मीदवार महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ज्यादा से ज्यादा वोटों से जीतें.
गुजरात-यूपी जैसे अहम राज्यों में अटकी नियुक्तियां
देरी का तीसरा कारण गुजरात, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक जैसी महत्वपूर्ण राज्य इकाइयों के अध्यक्षों के चुनाव हैं. सूत्रों ने पहले कहा था कि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन से पहले सभी राज्यों के नेतृत्व, जहां जरूरत हो, नए अध्यक्षों को नियुक्त करना चाहती है. यह पार्टी के संविधान के अनुरूप है, जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने से पहले उसकी 36 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इकाइयों में से कम से कम 19 का निर्वाचित प्रमुख होना चाहिए. पिछले महीने भाजपा ने 28 राज्यों में यह प्रक्रिया पूरी कर ली थी. अब यूपी, गुजरात और कर्नाटक के अलावा हरियाणा, दिल्ली, झारखंड, पंजाब और मणिपुर बचे हैं. पंजाब में भाजपा ने कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है.
नड्डा का कार्यकाल पूरा
वर्तमान भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हैं, जिन्हें जनवरी 2020 में चुना गया था और उनके तीन साल के कार्यकाल के बाद से उन्हें दो बार सेवा विस्तार मिल चुका है. पहला 2024 के लोकसभा चुनाव के कारण और दूसरा संगठनात्मक कार्य के कारण. मंडल प्रमुखों के चुनाव के लिए भी यही नीति अपनाई जा रही है. इस मामले में भाजपा ने उम्र सीमा 40 साल से कम रखकर अगली पीढ़ी के नेताओं को मौका देने का फैसला किया है.
जिला और प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार का कम से कम दस साल तक भाजपा का सक्रिय सदस्य होना जरूरी है. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि दूसरे दलों से आए नेताओं को संगठन में अहम जिम्मेदारियां मिलने से भाजपा कार्यकर्ताओं में असंतोष है.


