दिल्ली में नियमों का उल्लंघन करने पर 24 घंटों में 11,000 से अधिक वाहनों का चालान
दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जारी ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ अभियान के तहत पिछले 24 घंटों में सख्ती से लागू किए गए नियमों के उल्लंघन पर 11,000 से अधिक वाहनों पर जुर्माना लगाया गया है.

राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जारी ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ अभियान के तहत पिछले 24 घंटों में सख्ती से लागू किए गए नियमों के उल्लंघन पर 11,000 से अधिक वाहनों पर जुर्माना लगाया गया है. यह जानकारी अधिकारियों ने दी है, जिन्होंने बताया कि प्रदूषण फैलाने वाले वाहन और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई तेज कर दी गई है, जिससे राजधानी में वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को कम करने की कोशिश की जा रही है.
24 घंटे में 11,776 वाहनों पर उल्लंघन करने के आरोप में जुर्माना
अधिकारियों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में कुल 11,776 वाहनों पर उल्लंघन करने के आरोप में जुर्माना लगाया गया है, जिनमें से कई वाहन प्रदूषण नियंत्रण नियमों का पालन नहीं कर रहे थे. इस दौरान प्रशासन ने 12,164 मीट्रिक टन से अधिक कचरा भी एकत्र किया और सफाई के लिए मशीनों का इस्तेमाल करते हुए 2,068 किमी सड़कों की मशीन सफाई की गई. इसके अलावा, पानी के छिड़काव और प्रदूषण रोधी गन का उपयोग करके लगभग 9,400 किमी मार्गों की सफाई भी की गई.
यह अभियान उसी समय चलाया जा रहा है जब राजधानी में वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में बनी हुई है और AQI के स्तर “बहुत खराब” श्रेणी में दर्ज किए जा रहे हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का AQI स्तर 300 से ऊपर “बहुत खराब” श्रेणी में दर्ज किया गया है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक स्थिति को दर्शाता है.
इस अभियान के पहले दिन 3,700 से अधिक वाहनों का चालान किया गया था. लगभग 570 वाहनों को नियमों का पालन न करने या अनिर्दिष्ट गंतव्य होने के कारण दिल्ली की सीमा में प्रवेश करने से रोक दिया गया था. अधिकारियों ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त टीमों ने अभियान के पहले दिन लगभग 5,000 वाहनों की जांच की थी.
विशेष रूप से, पिछले 24 घंटों में 3,746 वाहनों को वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) न होने के कारण चालान किया गया, जबकि सीमा चौकियों पर 568 गैर-अनुपालन या अनिर्दिष्ट वाहनों को वापस भेज दिया गया. इसके अतिरिक्त, प्रशासन ने 217 ट्रकों का मार्ग बदल दिया ताकि गैर-जरूरी प्रवेश को रोका जा सके और राजधानी में अनावश्यक भारी वाहन आवाजाही पर नियंत्रण रखा जा सके.
यह प्रवर्तन कार्य ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ नियम लागू होने के बेहद करीब समय पर हुआ है, जिसने ड्राइव शुरू होने से पहले से ही प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्रों की मांग में बढ़ोतरी की. अधिकारियों के अनुसार, 17 दिसंबर को दिल्ली में 31,197 पीयूसी प्रमाणपत्र जारी किए गए, जबकि 16 दिसंबर को सिर्फ 17,732 प्रमाणपत्र जारी हुए थे, जिससे 24 घंटे के भीतर लगभग 75.9 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई.
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने क्या कहा?
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि यह बढ़ोतरी सख्त प्रवर्तन और जनता के सहयोग दोनों को दर्शाती है. उन्होंने बताया कि सीमा चौकियों पर वाहनों को वापस भेजने से बाहरी वाहनों की संख्या में स्पष्ट कमी आई है और पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय प्रदूषण नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.


