कोटा में एयरपोर्ट, उड़ीसा में रिंग रोड...केंद्र सरकार ने कई प्रोजेक्ट्स पर लगाई मुहर
केंद्र सरकार ने कोटा में 1507 करोड़ की लागत से नया ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट और ओडिशा में कटक-भुवनेश्वर के बीच 8307 करोड़ का 111 किमी लंबा आधुनिक रिंग रोड बनाने की मंजूरी दी है. यह दोनों परियोजनाएं क्षेत्रीय विकास, यातायात सुविधा और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देंगी. एयरपोर्ट दो साल और रिंग रोड ढाई साल में बनेगा.

केंद्र सरकार ने मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में दो अहम बुनियादी ढांचे से जुड़े प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी. इनमें पहला है राजस्थान के कोटा जिले में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का निर्माण और दूसरा ओडिशा में कटक-भुवनेश्वर के बीच एक आधुनिक रिंग रोड की परियोजना.
कोटा को मिलेगा नया ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट
राजस्थान के कोटा के बूंदी क्षेत्र में अब एक नया अत्याधुनिक हवाई अड्डा बनने जा रहा है. यह ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट करीब 1507 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जाएगा. यह परियोजना लंबे समय से अटकी हुई थी, क्योंकि कोटा में पहले से मौजूद एयरपोर्ट छोटा और सीमित क्षमताओं वाला है.
राजस्थान सरकार इस परियोजना के लिए 1000 एकड़ जमीन उपलब्ध कराएगी. इस एयरपोर्ट के बनने से न केवल कोटा बल्कि आसपास के इलाकों को भी बड़ा फायदा मिलेगा, खासकर शिक्षा और औद्योगिक क्षेत्रों को.
रनवे और टर्मिनल की विशेषताएं
इस एयरपोर्ट का रनवे 3200 मीटर लंबा होगा, जो बड़े विमानों की उड़ान और लैंडिंग के लिए उपयुक्त होगा. वहीं, टर्मिनल भवन 20,000 वर्गमीटर क्षेत्र में फैला होगा और इसकी वार्षिक क्षमता 20 लाख यात्रियों की होगी. इसे अगले दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है.
एजुकेशन और इंडस्ट्री का हब
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि कोटा न केवल शिक्षा का केंद्र है, बल्कि औद्योगिक क्षेत्र में भी इसकी अहम भूमिका है. देशभर से लाखों छात्र यहां कोचिंग और पढ़ाई के लिए आते हैं, ऐसे में एक आधुनिक हवाई अड्डा शहर की ज़रूरत बन चुका था. उन्होंने बताया कि 2014 में भारत में केवल 74 एयरपोर्ट थे, जबकि अब यह संख्या बढ़कर 162 हो चुकी है. साथ ही, देश में हवाई यात्रियों की संख्या अब 41 करोड़ के आसपास पहुंच चुकी है, जो एक दशक पहले सिर्फ 16 करोड़ थी.
ओडिशा को मिलेगा आधुनिक रिंग रोड
दूसरी बड़ी घोषणा ओडिशा के लिए की गई है. कटक और भुवनेश्वर, जो कि ट्विन सिटीज़ हैं, के बीच 8307 करोड़ रुपये की लागत से एक 111 किलोमीटर लंबा रिंग रोड बनाया जाएगा. यह रिंग रोड 6 लेन का होगा और इसमें एक्सेस कंट्रोल सिस्टम भी होगा, जिससे ट्रैफिक नियंत्रित रहेगा और सफर आसान होगा.
पूर्वोदय विजन का हिस्सा है यह परियोजना
यह रिंग रोड प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री मोदी के पूर्वोदय विजन का अहम हिस्सा है. इसे ढाई साल में पूरा करने का लक्ष्य है. केंद्रीय मंत्री के अनुसार, यह सड़क एक्सप्रेसवे की तर्ज पर तैयार की जाएगी, जिससे न केवल आवागमन सुगम होगा, बल्कि राज्य के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.


