अमेरिका का कड़ा रुख... अवैध भारतीय प्रवासियों को निकाला, पहले बैच में 48 युवा शामिल
अमेरिका से 104 भारतीय अवैध प्रवासियों को सैन्य विमान से अमृतसर लाया गया, जिनमें सबसे अधिक हरियाणा और गुजरात के 30-30 लोग शामिल थे. इनमें 25 महिलाएं, 12 नाबालिग और 48 लोग 25 साल से कम उम्र के थे, जबकि ज्यादातर पंजाब के कई जिलों से थे.

एक अमेरिकी सैन्य विमान ने पहले बैच के 104 भारतीय अवैध प्रवासियों को लेकर पंजाब के अमृतसर में लैंड किया. इसमें सबसे बड़ी संख्या हरियाणा और गुजरात से आई थी, जिनमें से हर राज्य से 30-30 लोग थे. इस विमान ने श्री गुरु राम दास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरते समय कड़ी सुरक्षा के बीच लैंड किया.
भारत से लौटे अवैध प्रवासी: प्रमुख आंकड़े
इसमें कुल 30 लोग पंजाब के निवासी थे, जबकि उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ से दो-दो लोग थे और महाराष्ट्र से तीन लोग थे. इनमें 25 महिलाएं और 12 नाबालिग थे, जिनमें सबसे छोटा बच्चा महज चार साल का था. 48 लोग 25 साल से कम उम्र के थे. विमान में 11 चालक दल के सदस्य और 45 अमेरिकी अधिकारी भी थे, जो इस डिपोर्टेशन प्रक्रिया की निगरानी कर रहे थे.
अवैध प्रवासी: पंजाबी के अधिकांश नागरिक
पंजाब के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अधिकांश डिपोर्ट किए गए लोग गुरदासपुर, अमृतसर, तरन तारन, जालंधर, नवांशहर, पटियाला, मोहाली और संगरूर से थे. इनमें से कुछ लोग अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश कर चुके थे, जबकि कुछ ने अपनी वीजा अवधि के बाद अमेरिका में अधिक समय बिताया था.
PM मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले डिपोर्टेशन
ये अवैध प्रवासियों की डिपोर्टेशन की पहली खेप थी, जो अगले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वॉशिंगटन दौरे के साथ मेल खा गई. ये पीएम मोदी का पहला दौरा होगा जब डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में दूसरी बार पदभार संभाला है.
कुलदीप सिंह ढिल्लों का बयान
पंजाब के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह ढिल्लों ने अमेरिकी सरकार के इस फैसले पर निराशा व्यक्त की, उनका कहना था कि इन लोगों ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में योगदान दिया है और इन्हें स्थायी निवास मिलना चाहिए था, ना कि डिपोर्ट किया जाना चाहिए था.
अमेरिका में अवैध प्रवासियों की संख्या
आंकड़ों के अनुसार, लगभग 7,25,000 भारतीय अवैध प्रवासी अमेरिका में रहते हैं, जो मेक्सिको और अल सल्वाडोर के बाद तीसरी सबसे बड़ी अवैध प्रवासी आबादी है.
अमेरिकी प्रशासन का कड़ा रुख
पंजाब के कई लोग जिन्होंने अब डिपोर्टेशन का सामना किया, वे 'डंकी रूट' या अन्य अवैध तरीकों से अमेरिका पहुंचे थे और लाखों रुपये खर्च किए थे. ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद, अमेरिकी प्रशासन ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है.