संचार साथी ऐप: क्या है ये सरकारी टूल, जो हर फोन में अनिवार्य हो रहा? डिजिटल प्राइवेसी पर सवालों का घेराव
अब आपके फोन की साइबर सुरक्षा का जिम्मा सरकार ने खुद ले लिया है. ‘संचार साथी’ ऐप जो भारत सरकार का ऑफिशियल साइबर सिक्योरिटी टूल है. 17 जनवरी 2025 को लॉन्च होने के साथ ही रातों-रात सुपरहिट हो गया. आज इसके 5 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड हो चुके हैं, यानी हर चौथा-पांचवां स्मार्टफोन यूजर इसे इस्तेमाल कर रहा है.
दूरसंचार विभाग (DoT) ने अब भारत में बेचे जाने वाले सभी मोबाइल फोनों में ‘संचार साथी’ ऐप को प्री-इंस्टॉल करना अनिवार्य कर दिया है. आदेश के अनुसार, नया फोन पहली बार चालू करते ही यह ऐप उपयोगकर्ता को दिखाई देगा और इसे न तो छिपाया जा सकेगा और न ही बंद किया जा सकेगा. पहले से बिक चुके फोनों में यह ऐप सॉफ़्टवेयर अपडेट के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा. साइबर अपराध, फर्जी कनेक्शन और मोबाइल धोखाधड़ी रोकने के उद्देश्य से तैयार यह सरकारी ऐप जनवरी 2025 में लॉन्च हुआ था और अब तक 5 करोड़ से अधिक डाउनलोड, 7 लाख से ज्यादा चोरी हुए फोन की रिकवरी, 3 करोड़ फर्जी मोबाइल कनेक्शन की समाप्ति और 37 लाख चोरी हुए डिवाइस ब्लॉक कर चुका है. CEIR प्रणाली से सीधे जुड़े इस ऐप की मदद से यूजर न सिर्फ अपने चोरी हुए फोन को ब्लॉक और ट्रैक कर सकते हैं, बल्कि अपने नाम पर चल रहे सभी सिम नंबर देख सकते हैं, संदिग्ध कॉल की शिकायत कर सकते हैं और सेकंड हैंड फोन का IMEI चेक कर उसकी वैधता भी पता कर सकते हैं. सरकार का मकसद है कि अनिवार्य किए जाने के बाद यह ऐप हर नागरिक को डिजिटल सुरक्षा, मोबाइल चोरी रोकथाम और साइबर फ्रॉड से बचाने में बड़ी भूमिका निभाए.


