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जब इंडिगो की धड़ाधड़ फ्लाइट्स हो रही थी कैंसिल, तब कहां थे कंपनी के सीईओ? व्हिसलब्लोअर लेटर में हुआ बड़ा खुलासा

इंडिगो को गंभीर परिचालन संकट का सामना है, वायरल व्हिसलब्लोअर पत्र में CEO और वरिष्ठ अधिकारियों पर आरोप लगाए गए हैं. DGCA ने नोटिस जारी किया, स्टाफ की कमी और सख्त FDTL नियमों के कारण उड़ानें प्रभावित हो रही हैं.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः देश की प्रमुख एयरलाइन इंडिगो वर्तमान में अपने इतिहास के सबसे गंभीर परिचालन संकटों में से एक से जूझ रही है. यह संकट अब केवल उड़ानों के रद्द होने तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि एक बड़े कॉर्पोरेट विवाद का रूप ले चुका है. पिछले एक सप्ताह में सैकड़ों उड़ानों के रद्द होने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.

इस बीच सोशल मीडिया पर एक गुमनाम व्हिसलब्लोअर का पत्र तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कंपनी के शीर्ष प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं और सीईओ पीटर एल्बर्स को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया गया है. पत्र लिखने वाले ने खुद को इंडिगो का कर्मचारी बताया है.

कर्मचारियों पर दबाव 

पत्र में दावा किया गया है कि इंडिगो का वर्तमान संकट अचानक नहीं आया, बल्कि यह वर्षों से चले आ रहे गलत प्रबंधन निर्णयों और कर्मचारियों पर बढ़ते कार्यभार का परिणाम है.

पत्र में कहा गया कि कर्मचारियों को थकावट और तनाव पैदा करने वाली रोस्टर ड्यूटी प्रणाली के तहत काम करना पड़ रहा है और कार्यस्थल में डर का माहौल बना हुआ है. कर्मचारी कई बार अपनी शारीरिक और मानसिक सीमाओं को पार कर चुके हैं, लेकिन प्रबंधन ने इस ओर गंभीर ध्यान नहीं दिया. हालांकि पत्र के लेखक ने अपनी पहचान, पद या आरोपों के समर्थन में कोई ठोस दस्तावेज़ नहीं प्रस्तुत किया है.

सीईओ और वरिष्ठ अधिकारियों पर आरोप

पत्र में सीईओ पीटर एल्बर्स और वरिष्ठ अधिकारियों इसिडोर पोर्केरस, आसिम मित्रा और जेसन हर्टर को संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. आरोप है कि जब यह संकट शुरू हुआ, तब सीईओ नीदरलैंड में छुट्टियां मना रहे थे. पत्र में यह भी दावा किया गया कि एयरलाइन अब अपने यात्रियों को ग्राहक नहीं बल्कि “बोझ” समझती है. इसका समर्थन करते हुए पत्र में लिखा गया कि यदि यात्रियों को ग्राहक समझा जाएगा, तो वे एयरलाइन का अधिकार समझेंगे.

सरकार से की गई मांगें

पत्र में मांग की गई है कि ग्राउंड स्टाफ के लिए न्यूनतम वेतन तय किया जाए, प्रत्येक विमान के लिए पर्याप्त स्टाफ अनिवार्य किया जाए और कर्मचारियों की थकान से जुड़े नियमों की समीक्षा में कर्मचारियों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए. पत्र में यह भी कहा गया कि पिछले वर्षों में बेलगाम विस्तार और लागत नियंत्रण की होड़ ने एयरलाइन की सुरक्षा प्रणालियों को कमजोर किया है.

DGCA का नोटिस और नियामकीय दबाव

नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने पहले ही इंडिगो को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है. DGCA ने योजना बनाने, निगरानी रखने और संसाधनों के प्रबंधन में गंभीर चूक के आरोप लगाए हैं और सीईओ पीटर एल्बर्स से जवाब मांगा है. नियामक की इस कार्रवाई ने एयरलाइन पर अतिरिक्त दबाव बढ़ा दिया है.

संकट के पीछे नियामकीय बदलाव

संकट का एक कारण आंतरिक कुप्रबंधन तो बताया जा रहा है, लेकिन हाल के नियामकीय बदलाव भी इसे और गहरा करने वाले कारण हैं. DGCA ने फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को सख्त कर दिया है, खासकर रात में लगातार उड़ान भरने वाले क्रू के लिए. इन नए नियमों के लागू होने के बाद पायलट और केबिन क्रू की उपलब्धता अचानक कम हो गई, जिससे इंडिगो की असली तैयारियों की पोल खुल गई. यह संकेत है कि एयरलाइन पहले से ही स्टाफ की भारी कमी से जूझ रही थी.

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08 December 2025, 09:28 AM IST

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