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इंडिगो की उड़ानों में आज भी जारी रहेगी देरी, दिल्ली हवाई अड्डे पर परिचालन धीमा

इंडिगो सात दिनों से चल रहे संचालन संकट से जूझ रही है, जहां पायलटों की कमी और FDTL नियम मुख्य कारण बने. सैकड़ों उड़ानें रद्द हुईं और 610 करोड़ रुपये रिफंड किए गए. सरकार जांच और सुधार के निर्देशों के साथ हालात पर कड़ी निगरानी रख रही है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो अब भी अपने संचालन को सामान्य नहीं कर पाई है. लगातार सातवें दिन सोमवार को भी कई उड़ानों में देरी और रद्दीकरण जारी रहा, जिससे हवाई यात्रियों की परेशानी कम होने के बजाय और बढ़ गई है. भारत की विमानन इतिहास में इस तरह का लंबा संकट इससे पहले शायद ही कभी देखने को मिला हो.

दिल्ली एयरपोर्ट ने सोमवार को एक नई एडवाइजरी जारी कर यात्रियों को आगाह किया है कि इंडिगो की उड़ानों में व्यवधान जारी रह सकता है. हवाई अड्डे ने सलाह दी है कि यात्री एयरलाइन से अपडेट लेते रहें और अपनी उड़ानों की स्थिति पहले ही जांच कर लें.

कंपनी ने अब तक लौटाए 610 करोड़ रुपये

इंडिगो ने रविवार को 650 से अधिक उड़ानें रद्द कीं. दो दिन पहले यह संख्या 1,000 से ज्यादा थी, जो स्थिति की गंभीरता को दिखाती है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि एयरलाइन अब तक प्रभावित यात्रियों को 610 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड कर चुकी है. लाखों यात्रियों को इससे भारी असुविधा झेलनी पड़ी है. कई लोग एयरपोर्ट पर घंटों फंसे रहे, तो कई अपनी अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिंग फ्लाइट भी चूक गए.

FDTL नियमों के कारण पायलटों की कमी

इंडिगो के अनुसार, उड़ान रद्द होने की सबसे बड़ी वजह कॉकपिट क्रू की कमी है. सरकार द्वारा फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (FDTL) नियमों के सख्त पालन के बाद पायलटों को अनिवार्य अतिरिक्त आराम समय देना पड़ा, जिससे एक साथ बड़ी संख्या में उड़ान कार्यक्रम बाधित हो गए.

नई पायलट ड्यूटी सीमाओं के लागू होने से एयरलाइन अपने क्रू कार्यक्रम को संतुलित नहीं कर पाई और परिणामस्वरूप उड़ानें बड़े पैमाने पर प्रभावित हुईं. सरकार ने हालात बिगड़ते देख दखल दिया और इस नियम के लागू होने पर अस्थायी रोक लगा दी. एयरलाइन का अनुमान है कि संचालन 10 दिसंबर तक सामान्य हो जाएगा.

एयरलाइन को जवाब देने की मोहलत

नागरिक उड्डयन महानिदेशक (DGCA) ने इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स और अकाउंटेबल मैनेजर इसिड्रो पोरक्वेरस को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस पर प्रतिक्रिया देने की समय सीमा बढ़ा दी है. अब दोनों को सोमवार शाम 6 बजे तक अपना जवाब भेजना होगा. DGCA ने स्पष्ट किया है कि एयरलाइन को यह बताना होगा कि इतने बड़े व्यवधान के बावजूद वह पर्याप्त तैयारी क्यों नहीं कर पाई.

मंत्रालय की सख्ती

नागरिक उड्डयन मंत्रालय लगातार हालात की निगरानी कर रहा है. मंत्रालय ने कई अहम कदम उठाए हैं.

  • घरेलू किरायों पर अस्थायी सीमा तय की गई है.
  • इंडिगो को रिफंड तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं.
  • संकट पर उच्च स्तर की जांच शुरू कर दी गई है.

उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने दोहराया कि यह संकट एयरलाइन की व्यवस्थागत चूक का नतीजा है और सरकार ने नया FDTL नियम एक साल पहले ही जारी किया था. सरकार ने यह भी बताया कि एयरलाइन ने अब तक देशभर में यात्रियों का 3,000 से अधिक खोया सामान उन्हें लौटाया है.

मूल कारणों की पहचान में जुटी एयरलाइन

इंडिगो का कहना है कि वह इस बड़े व्यवधान के मूल कारणों की विस्तृत जांच कर रही है. कंपनी का दावा है कि अचानक बढ़े क्रू तनाव, नए नियम और परिचालन दबावों के संयोजन ने यह स्थिति पैदा की. एयरलाइन ने भरोसा जताया है कि जल्द ही उड़ान सेवाएं सामान्य होंगी.

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08 December 2025, 08:30 AM IST

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