बुजुर्गों की बचत लूटने वाला अंगद चंडोक भारत में गिरफ्तार, अमेरिका से हुई वापसी
अमेरिका में बुजुर्गों से करोड़ों की ठगी और मनी लॉन्ड्रिंग के दोषी भारतीय नागरिक अंगद चंडोक को सीबीआई अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित कर लाई. वह टेक्निकल सपोर्ट घोटाले का मास्टरमाइंड था. अमेरिकी अदालत से 6 साल की सजा पा चुका चंडोक अब भारत में लंबित मामलों में जांच का सामना करेगा.

भारत में करोड़ों की ठगी करने वाला अंगद सिंह चंडोक को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर नई दिल्ली लाया गया है. उसे भारत की जांच एजेंसी सीबीआई के सहयोग से अमेरिका से वापस लाया गया. अंगद सिंह चंडोक पर अमेरिका में बड़ी धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) का गंभीर आरोप था.
2022 में अमेरिका की एक अदालत ने अंगद को दोषी ठहराया था. उसने एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन धोखाधड़ी योजना में अहम भूमिका निभाई थी, जिसमें कई अमेरिकी नागरिकों को ठगा गया. इनमें ज़्यादातर बुज़ुर्ग थे, जिनकी जीवनभर की कमाई लूट ली गई.
अमेरिका में बुजुर्गों से ठगी
अमेरिकी अटॉर्नी ज़ाचरी ए. कुन्हा ने उस वक्त बयान में कहा था कि अंगद ने अमेरिका में शरण मांगी और फिर अमेरिका के ही लोगों को ठगने की साजिश में शामिल हो गया. उसे 6 साल की सजा सुनाई गई थी.
फर्जी कंपनियों से चलाता था ठगी का धंधा
अमेरिकी जांच में पता चला कि अंगद न केवल इस घोटाले का बड़ा चेहरा था, बल्कि उसने चोरी का पैसा इधर-उधर करने के लिए एक जटिल नेटवर्क भी तैयार किया था. कैलिफोर्निया से वह कई फर्जी कंपनियों के जरिए लाखों डॉलर इधर-उधर करता था. शुरुआत में उसका ठगी का तरीका था – ऑनलाइन तकनीकी सहायता का झांसा देना. लोगों को ये यकीन दिलाया जाता था कि उनके कंप्यूटर में दिक्कत है और उसे ठीक करने के लिए उन्हें पैसे देने होंगे. बाद में यह स्कीम ट्रैवल फीस (यात्रा शुल्क) से जुड़ी धोखाधड़ी में बदल गई.
सीधे संपर्क में थे कई ठग
जांच में यह भी सामने आया कि अंगद के अंडर में कम से कम 5 लोग काम कर रहे थे और वह इस योजना के ऊपरी स्तर पर बैठे लोगों के सीधे संपर्क में था.
भारत में भी कई केस
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि अंगद अमेरिका आने से पहले वहां शरण मांग चुका था. अब जब उसने अपनी सजा का कुछ हिस्सा पूरा कर लिया, तो उसे भारत वापस भेज दिया गया है. यहां उसके खिलाफ कई धोखाधड़ी के केस लंबित हैं. अब भारतीय एजेंसियां उसकी हिरासत की मांग कर रही हैं और आगे की जांच शुरू हो चुकी है.


