औरंगजेब विवाद: नागपुर में हिंसक झड़पों में 30 लोग घायल, अब तक 65 दंगाइयों को हिरासत में लिया

महाराष्ट्र के संभाजी नगर में औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर नागपुर में हिंसक झड़प हो गई. गुस्साई भीड़ ने कई गाड़ियों में आग लगा दी और घरों में पत्थरबाजी की. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए बल का इस्तेमाल किया. इलाके में धारा 163 लगा दी गई है. इस बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा कि नागपुर एक शांतिपूर्ण शहर है, जहां लोग एक-दूसरे के सुख-दुख में शामिल होते हैं, जो हमेशा से नागपुर की परंपरा रही है. किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

महाराष्ट्र के संभाजी नगर में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर हिंदू संगठनों द्वारा शहर में विरोध प्रदर्शन के कुछ ही घंटों बाद नागपुर में हिंसक झड़पें हुईं. शहर के महल क्षेत्र में दो समूहों के बीच बड़े पैमाने पर झड़प के बाद लगभग 60 से 65 दंगाइयों को हिरासत में लिया गया है. 25 से 30 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और लगभग 25 बाइक और तीन कारों को आग लगा दी गई. इलाके में धारा 163 लगा दी गई है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.

रात में फिर हुई हिंसा

रिपोर्ट के अनुसार, नागपुर के हंसपुरी इलाके में फिर 10:30 से 11:30 बजे के बीच एक और झड़प हुई. गुस्साई भीड़ ने कई वाहनों को जला दिया और इलाके में घरों और एक क्लिनिक में तोड़फोड़ की. यह झड़पें संभाजी नगर में औरंगजेब की समाधि को लेकर बड़े पैमाने पर विवाद के बीच हुई हैं, जिसमें बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) जैसे हिंदू संगठन इसे गिराने की मांग कर रहे हैं. झड़प शुरू होने से कुछ घंटे पहले दोनों समूहों ने सोमवार सुबह नागपुर में विरोध प्रदर्शन भी किया था.

पुलिस स्थिति को संभाल रही है

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि नागपुर के महल इलाके में पत्थरबाजी की घटनाओं और बढ़ते तनाव के बाद पुलिस स्थिति को संभाल रही है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागरिकों से प्रशासन के साथ पूरा सहयोग करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि नागपुर एक शांतिपूर्ण शहर है, जहां लोग एक-दूसरे के सुख-दुख में शामिल होते हैं, जो हमेशा से नागपुर की परंपरा रही है. किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें.

नागपुर के पुलिस कमिश्नर डॉ. रविंदर सिंघल ने कहा कि शहर में फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण है. उन्होंने बताया कि एक तस्वीर जलाए जाने के बाद अशांति शुरू हुई, जिसके कारण लोग इकट्ठा हुए और चिंता जताई. हिंसा रात 8 से 8:30 बजे के आसपास हुई, इस दौरान कई वाहनों को आग लगा दी गई और घरों में पथराव किया गया. 

गिरफ्तारी के लिए तलाशी अभियान जारी

डॉ. सिंघल ने कहा कि पुलिस इसमें शामिल लोगों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए तलाशी अभियान चला रही है. उन्होंने कहा, "हमने धारा 163 लागू कर दी है और सभी से कहा गया है कि वे अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें और कानून को अपने हाथ में न लें. अफवाहों पर विश्वास न करें. नागपुर ग्रामीण पुलिस को सहायता के लिए बुलाया गया है और साइबर पुलिस अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए काम कर रही है. हिंसा में 25 से 30 दोपहिया वाहन और 2 से 3 कारें जला दी गईं.

अफवाहों पर ध्यान न दें?

नागपुर के सांसद नितिन गडकरी ने शहर में तनाव के बाद निवासियों से शांत रहने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, "कुछ अफवाहों के कारण नागपुर में धार्मिक तनाव की स्थिति पैदा हो गई है." गडकरी ने कहा कि सरकार किसी भी गलत काम के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री को पहले ही स्थिति के बारे में सूचित कर दिया गया है, इसलिए मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें."

महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने सोमवार को नागपुर में हुई हिंसा के लिए राज्य के गृह विभाग को जिम्मेदार ठहराया और इसे उनकी विफलता बताया. उन्होंने मंत्रियों पर हाल के दिनों में "जानबूझकर भड़काऊ भाषण देने" का भी आरोप लगाया.

calender
18 March 2025, 08:03 AM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag