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बेंगलुरु विवाद: भाजपा ने कांग्रेस पर दिल्ली से 'रिमोट-कंट्रोल शासन' का आरोप लगाया

बेंगलुरु के बाहरी इलाके में चलाए गए विध्वंस अभियान ने राजनीतिक हलकों में विवाद पैदा कर दिया है, जिससे कांग्रेस के भीतर मतभेद और भाजपा की तीखी आलोचना सामने आई है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

बेंगलुरु के बाहरी इलाके में चलाए गए विध्वंस अभियान ने राजनीतिक हलकों में विवाद पैदा कर दिया है, जिससे कांग्रेस के भीतर मतभेद और भाजपा की तीखी आलोचना सामने आई है. भाजपा ने इस कार्रवाई को कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा राज्य पर दबाव डालने की कोशिश बताया और इसे दिल्ली के फरमानों के तहत राज्य संचालन का उदाहरण करार दिया.

विवाद की शुरुआत कब हुई?

विवाद की शुरुआत तब हुई जब कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने येलाहांका के पास कोगिलु गांव में निवासियों की बेदखली के मामले में हस्तक्षेप किया. इस कार्रवाई से कई परिवार विस्थापित हुए और स्थानीय लोगों तथा राजनीतिक समूहों ने विरोध शुरू कर दिया. 

वेणुगोपाल ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से बातचीत कर विध्वंस के तरीके पर अपनी चिंता जताई. उन्होंने अधिक संवेदनशीलता और करुणा के साथ निर्णय लेने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि शासन के निर्णयों में मानवीय पहलुओं को सर्वोपरि रखा जाना चाहिए.

वेणुगोपाल के अनुसार, दोनों नेताओं ने उन्हें आश्वासन दिया कि प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और राहत की व्यवस्था की जाएगी. हालांकि, भाजपा ने इस हस्तक्षेप को कांग्रेस की "हाई कमांड संस्कृति" का उदाहरण बताया. वरिष्ठ भाजपा नेता आर अशोक ने वेणुगोपाल पर राज्य प्रशासन में दखल देने का आरोप लगाया और इसे संघवाद का अपमान कहा. उन्होंने इसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा कर्नाटक के नेताओं को सार्वजनिक रूप से टोकने जैसी स्थिति से जोड़कर देखा.

अशोक ने सवाल उठाया कि क्या राज्य सरकारें दिल्ली के निर्देशों के अनुसार चल रही हैं और कांग्रेस हाई कमान अपने नेताओं को राज्य स्तर पर निर्देश दे रही है. भाजपा राज्य अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने भी आरोप लगाया कि कांग्रेस में सत्ता संघर्ष ने निर्णय लेने की शक्ति हाई कमान के हाथों में केंद्रित कर दी है, जिससे कर्नाटक की जनता के चुनावी अधिकारों की अनदेखी हुई.

जमीनी स्तर पर विरोध प्रदर्शन भी तेज हो गए. सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) और स्थानीय निवासियों ने सरकार पर बिना पर्याप्त विकल्पों के कमजोर परिवारों को बेदखल करने का आरोप लगाया. एसडीपीआई महासचिव मुजाहिद पाशा ने कहा कि कांग्रेस वही नीति दोहरा रही है जिसका उसने कभी विरोध किया था.

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने क्या कहा?

वहीं, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बताया कि कोगिलु क्षेत्र का भूमि हिस्सा मानव आवास के लिए अनुपयुक्त था और बार-बार नोटिस देने के बावजूद कुछ निवासियों ने अनुपालन नहीं किया, जिससे बेदखली जरूरी हो गई. उन्होंने अस्थायी आश्रय, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था का आदेश दिया. उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि विध्वंस का उद्देश्य भूमि माफियाओं से सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा था, न कि किसी समुदाय को निशाना बनाना.

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