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आरएसएस अलकायदा जैसा...कांग्रेस नेता ने दिया विवादित बयान, दिग्विजय सिंह के टिप्पणी के बाद पार्टी के अंदर घमासान

दिग्विजय सिंह द्वारा भाजपा-आरएसएस की संगठनात्मक ताकत की तारीफ पर कांग्रेस में मतभेद उभरे हैं. मणिक्कम टैगोर की विवादित टिप्पणी से मामला और गरमा गया, जिस पर भाजपा ने तीखा पलटवार किया और सियासी टकराव तेज हो गया.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की एक टिप्पणी ने पार्टी के भीतर ही असहजता पैदा कर दी है, जबकि भाजपा और आरएसएस खेमे से भी तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. दिग्विजय सिंह ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की एक पुरानी तस्वीर साझा करते हुए भाजपा-आरएसएस के संगठनात्मक ढांचे की सराहना की थी. उनका यह बयान कांग्रेस के कई नेताओं को रास नहीं आया और अब इस पर नया विवाद खड़ा हो गया है.

दिग्विजय सिंह की पोस्ट से मचा विवाद

दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पुरानी तस्वीर साझा की, जिसमें नरेंद्र मोदी को एक कार्यकर्ता के रूप में आडवाणी के सामने बैठे दिखाया गया था. उन्होंने लिखा कि यह तस्वीर दिखाती है कि कैसे आरएसएस और भाजपा जैसे संगठनों ने एक साधारण कार्यकर्ता को राज्य का मुख्यमंत्री और फिर देश का प्रधानमंत्री बनाया. दिग्विजय ने इसे संगठन की ताकत बताते हुए कांग्रेस के लिए भी इससे सीख लेने का संकेत दिया. उनकी इस टिप्पणी को कांग्रेस के भीतर कई नेताओं ने असहजता के रूप में देखा, क्योंकि इसे भाजपा-आरएसएस की खुली प्रशंसा माना गया.

मणिक्कम टैगोर का पलटवार

दिग्विजय सिंह की टिप्पणी के एक दिन बाद कांग्रेस सांसद मणिक्कम टैगोर ने आरएसएस को लेकर बेहद विवादास्पद बयान दे दिया. टैगोर ने आरएसएस की तुलना आतंकी संगठन अल-कायदा से करते हुए कहा कि यह नफरत पर आधारित संगठन है. उन्होंने सवाल उठाया कि नफरत फैलाने वाले संगठनों से क्या सीखा जा सकता है.

टैगोर ने कहा कि आरएसएस नफरत पर आधारित संगठन है. नफरत से कुछ नहीं सीखा जा सकता. जैसे अल-कायदा से कुछ नहीं सीखा जा सकता, वैसे ही आरएसएस से भी क्या सीखा जाए?” उन्होंने इससे पहले फेमस सेल्फ गोल नाम का एक वीडियो भी साझा किया, जिसे दिग्विजय सिंह पर परोक्ष कटाक्ष के तौर पर देखा गया.

कांग्रेस में दो धड़े साफ नजर आएइस पूरे प्रकरण ने कांग्रेस के भीतर वैचारिक मतभेदों को उजागर कर दिया है. जहां शशि थरूर जैसे नेता दिग्विजय सिंह की बातों को संगठनात्मक मजबूती के संदर्भ में देख रहे हैं, वहीं पवन खेड़ा और मणिक्कम टैगोर जैसे नेता साफ तौर पर कह रहे हैं कि आरएसएस से सीखने जैसा कुछ भी नहीं है.

भाजपा का कांग्रेस पर जोरदार हमला

मणिक्कम टैगोर के बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी. भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब इतनी बौखला गई है कि एक राष्ट्रवादी संगठन को आतंकवादी संगठन से तुलना कर रही है.

पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस ने हिंदू, सनातन और भारत का अपमान करने के बाद अब एक ऐसे संगठन को निशाना बनाया है, जो सौ वर्षों से राष्ट्र सेवा में लगा है. लेकिन बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार पर इनके पास एक शब्द नहीं है.

सलमान खुर्शीद का टैगोर को समर्थन

इस बीच कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद टैगोर के समर्थन में सामने आए. उन्होंने आरएसएस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर आरएसएस खुद को सामाजिक संगठन बताता है, तो वह लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रभावित करने की कोशिश क्यों करता है. खुर्शीद ने कहा कि कांग्रेस इस भ्रम को जनता के सामने उजागर करेगी और देश को एक बेहतर विकल्प देगी.

राजनीतिक बयानबाज़ी से बढ़ी सियासी तपिश

दिग्विजय सिंह की एक पोस्ट से शुरू हुआ यह मामला अब कांग्रेस की आंतरिक राजनीति, भाजपा-आरएसएस की विचारधारा और विपक्ष की रणनीति पर बड़े सवाल खड़े कर रहा है. आने वाले दिनों में यह विवाद और गहराने के आसार दिख रहे हैं, क्योंकि बयानबाज़ी का स्तर लगातार तेज होता जा रहा है.

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