"मुझे काफी देर बाद बताया गया", कर्नाटक के CM सिद्धारमैया ने बेंगलुरु भगदड़ से झाड़ा पल्ला
Siddaramaiah on Bengaluru Stampede: बेंगलुरु में RCB के जश्न के दौरान भगदड़ मामले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि उन्हें घटना की जानकारी काफी देर से मिली. उन्होंने सुरक्षा में चूक के लिए पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया और सरकारी आयोजन से इनकार किया.

Siddaramaiah on Bengaluru Stampede: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने रविवार को बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ पर सफाई दी. यह भगदड़ रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की आईपीएल जीत के जश्न के दौरान 4 जून को हुई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन की नाकामी के कारण यह घटना घटी. उन्होंने कहा कि उन्हें इस हादसे के बारे में काफी देर बाद सूचित किया गया.
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह घटना राज्य सरकार द्वारा आयोजित नहीं की गई थी. उन्होंने मीडिया से कहा, "यह सरकारी आयोजन नहीं था और मुझे इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था. घटना के बाद पीड़ितों को अस्पताल में भर्ती किए जाने के लगभग दो घंटे बाद मुझे सूचित किया गया. भगदड़ नहीं होनी चाहिए थी. यह बेहद दुखद है."
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— Siddaramaiah (@siddaramaiah) June 8, 2025
पुलिस की नाकामी पर हुई कड़ी कार्रवाई
सिद्धारमैया ने बताया कि पुलिस विभाग ने घटना के लिए पूरी जानकारी समय पर साझा नहीं की थी. इसके बाद उन्होंने कड़ी कार्रवाई करते हुए पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया और राज्य खुफिया प्रमुख तथा उनके राजनीतिक सचिव को स्थानांतरित कर दिया. उन्होंने कहा, "सरकार इस घटना को अत्यधिक गंभीरता से ले रही है. दोषियों के खिलाफ उचित कदम उठाए जा रहे हैं. यह घटना हमारे लिए काफी दर्दनाक है, लेकिन इसमें सरकार का कोई दोष नहीं है."
विपक्ष द्वारा की जा रही आलोचना
भगदड़ की घटना के बाद से मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर विपक्षी दल भाजपा और जद (एस) ने तीव्र आलोचना की है. इन दलों ने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है. सिद्धारमैया ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "सरकार ने कोई गलत कदम नहीं उठाया. जो भी दोषी थे, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है. इस पर शर्मिंदा होने की कोई बात नहीं है. उत्तर प्रदेश में कुंभ मेला के दौरान पुल के गिरने से भी कई लोग मारे गए थे, क्या वहां के मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दिया था?"
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
मुख्यमंत्री ने भाजपा और जद (एस) पर राजनीतिक रूप से प्रेरित आरोप लगाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "भाजपा आधारहीन और राजनीतिक रूप से प्रेरित आरोप लगा रही है. सरकार ने पहले ही घटना की प्रारंभिक जानकारी के आधार पर संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है. इसके अलावा, विपक्ष की मांग पर एक न्यायिक जांच भी शुरू की गई है."
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा पहले खुले बस परेड की अनुमति न देने को गृह मंत्री की गलती बताती है, जबकि पहले ही उस आयोजन के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही थी. इससे भाजपा की दोहरे मानक की नीति जाहिर होती है.
पुलिस ने दी थी चेतावनी
सिद्धारमैया ने कहा कि बेंगलुरु के विधि सभा के पास आयोजन की अनुमति दी गई थी, लेकिन वहां के पुलिस विभाग ने आयोजन स्थल पर सुरक्षा खामियों की चेतावनी दी थी. इसके बावजूद, विभाग ने शर्तों के साथ अनुमति दी थी. मुख्यमंत्री ने कहा, "यह पुलिस की जिम्मेदारी थी कि वे सभी शर्तों को सख्ती से लागू करते. आयोजन स्थल पर कोई अनहोनी नहीं हुई, लेकिन भगदड़ चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई, जहां पुलिस सुरक्षा व्यवस्था कमजोर पाई गई. इसके परिणामस्वरूप संबंधित अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है."
घटना के अगले दिन, एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB), डीएनए एंटरटेनमेंट और कर्नाटका राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया. राज्य सरकार के अनुसार, डीएनए एंटरटेनमेंट ने विजय उत्सव का आयोजन किया था, जबकि KSCA ने कार्यक्रम का आयोजन किया था.


