शेख हसीना के चाचा शेख कबीर सिंगापुर फरार, बकरीद के दिन चुपचाप छोड़ा बांग्लादेश
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के चाचा शेख कबीर हुसैन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच चुपचाप देश छोड़कर सिंगापुर भाग गए हैं. कबीर, जो हसीना सरकार में बेहद ताकतवर माने जाते थे और 23 विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे थे, बकरीद के दिन ढाका एयरपोर्ट से बिना किसी रोक-टोक के बाहर निकल गए.

बांग्लादेश की राजनीति में उस समय भूचाल आ गया जब प्रधानमंत्री शेख हसीना के चाचा शेख कबीर देश छोड़कर सिंगापुर भाग निकले। यह घटना तब सामने आई जब पूरे देश में बकरीद का त्योहार मनाया जा रहा था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कबीर बिना किसी रोक-टोक के हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से विदेश रवाना हो गए. इस घटना ने न केवल आव्रजन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यूनुस सरकार की ईमानदारी और पारदर्शिता पर भी सवालिया निशान लगा दिया है.
शेख कबीर हुसैन, जो हसीना सरकार के दौरान बेहद ताकतवर माने जाते थे और कई महत्वपूर्ण विभागों की कमान संभाल रहे थे, उन पर भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। अब जब यूनुस सरकार ने भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई का ऐलान किया है, ऐसे समय में कबीर का देश से फरार हो जाना गंभीर चिंता का विषय बन गया है.
हसीना सरकार में शेख कबीर की थी तूती बोलती
शेख हसीना के शासनकाल में शेख कबीर को बांग्लादेश सरकार के 23 प्रमुख विभागों की जिम्मेदारी दी गई थी, जिनमें अधिकांश विभाग वित्तीय मामलों से संबंधित थे। उन्हें हसीना सरकार का ‘शक्तिशाली स्तंभ’ माना जाता था। लेकिन अगस्त 2024 में जब हसीना सरकार का तख्तापलट हुआ, तभी से जांच एजेंसियों ने शेख कबीर पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। हाल ही में उनकी गिरफ्तारी की अटकलें भी थीं, लेकिन अब उनके भाग जाने की पुष्टि हो गई है.
कब और कैसे निकले कबीर?
स्थानीय मीडिया ‘प्रथम आलो’ की रिपोर्ट के अनुसार, जब पूरा देश बकरीद की खुशियों में डूबा हुआ था, तब शेख कबीर चुपचाप हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सिंगापुर के लिए रवाना हो गए। चौंकाने वाली बात यह रही कि आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें न तो रोका, न ही उनके दस्तावेजों को लेकर कोई आपत्ति जताई। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या कबीर को देश छोड़ने की अनुमति दी गई थी या यह प्रशासनिक चूक है?
यूनुस सरकार के अफसर क्यों हैं खामोश?
शेख कबीर के फरार होने पर जब पत्रकारों ने आव्रजन अधिकारियों से सवाल पूछे, तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिए। अफसर यह नहीं बता पा रहे हैं कि कबीर के पास देश छोड़ने की वैध अनुमति थी या नहीं। इस मुद्दे पर यूनुस सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की चुप्पी आम जनता के बीच गहरी नाराज़गी पैदा कर रही है.
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का वादा अधूरा?
शेख कबीर की फरारी ऐसे समय पर सामने आई है, जब बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार डॉ. यूनुस ने पिछली सरकार में हुए भ्रष्टाचार की जांच और दोषियों को सजा दिलाने का वादा किया था। लेकिन जब सबसे ताकतवर भ्रष्टाचार के आरोपी ही आराम से देश से बाहर निकल जाएं, तो सरकार की नीयत और नीतियों पर सवाल उठना स्वाभाविक है.
शेख हसीना परिवार विदेश में, बांग्लादेश में केस जारी
हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद उनका पूरा परिवार बिखर गया है। शेख हसीना खुद भारत में हैं, जहां वे अपनी बहन के साथ रह रही हैं, जबकि उनके बेटे और भतीजी ब्रिटेन में हैं। शेख हसीना और उनके परिवार के सभी सदस्यों पर बांग्लादेश में गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें भ्रष्टाचार, धन शोधन और नरसंहार जैसे आरोप शामिल हैं.


