"दिल्ली के सीएम आतिशी का वीके सक्सेना को जवाब: 'लोकतंत्र में सभी नेता अस्थायी होते हैं!'"
दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पत्र का जवाब देते हुए कहा कि सभी निर्वाचित नेता अस्थायी होते हैं और यह लोकतंत्र का हिस्सा है. आतिशी ने निराशा जताई कि उपराज्यपाल ने आलोचना की बजाय सहयोग का रास्ता अपनाया होता. उन्होंने कहा कि राजनीतिक हस्तक्षेप ने सरकारी कामकाजी प्रक्रियाओं को धीमा किया है और शासन को राजनीति से ऊपर उठकर काम करना चाहिए. अब देखना होगा कि दोनों पक्ष इस मामले में आगे कैसे कदम बढ़ाते हैं.

Delhi CM Atishi Responds to VK Saxena: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पत्र का जवाब देते हुए कहा कि यह हमारे लोकतंत्र के सिद्धांतों का प्रतीक है कि सभी निर्वाचित सरकारी सदस्य "अस्थायी" होते हैं और केवल अपने कार्यकाल के दौरान ही पद पर रहते हैं. आतिशी ने यह भी कहा कि वह इस पर आश्चर्यचकित हैं कि उपराज्यपाल ने इस सत्य को लेकर आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि यह असलियत एक सक्रिय लोकतंत्र की पहचान है और इसे स्वीकार करना चाहिए.
'सहयोग से अधिक आलोचना'
आतिशी ने उपराज्यपाल के पत्र में की गई आलोचना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, "यह बहुत निराशाजनक है कि आपका पत्र आलोचना करने में ज्यादा ध्यान केंद्रित करता है, जबकि हमें रचनात्मक सहयोग की जरूरत है." उन्होंने आगे कहा कि शासन को राजनीति से ऊपर उठकर काम करना चाहिए, और इस भावना के साथ वे उपराज्यपाल से सहयोग की उम्मीद करती हैं.
Delhi CM Atishi responds to LG VK Saxena, " It is a testimony to the democratic principles of our country that all elected members of the government are in fact temporary and remain in office only till the duration of their term. I am amused by you taking offence at any statement… https://t.co/m0OlJryNPV pic.twitter.com/zHRW4xwiLH
— ANI (@ANI) December 30, 2024
राजनीतिक हस्तक्षेप से रुकावटें
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बार-बार राजनीति से जुड़ी अनावश्यक हस्तक्षेपों ने काम को धीमा कर दिया है, जो कि राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण थे. आतिशी का कहना था कि अगर दोनों पक्ष मिलकर काम करें तो दिल्ली के लोगों के लिए बेहतर परिणाम हासिल किए जा सकते हैं.
आप के नेताओं और उपराज्यपाल के बीच विवाद
इससे पहले, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी को संबोधित करते हुए, आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की एक टिप्पणी पर आपत्ति जताई थी, जिसमें केजरीवाल ने आतिशी को "अस्थायी मुख्यमंत्री" कहा था. उन्होंने इसे भारत के राष्ट्रपति और उनके द्वारा नियुक्त की गई मुख्यमंत्री का अपमान बताया था। इसके जवाब में, आतिशी ने इसे लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुरूप बताया.
गवर्नेंस का असली उद्देश्य
आतिशी ने अपने बयान में जोर देते हुए कहा कि राजनीति को शासन के कामों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और इस संबंध में किसी भी प्रकार की राजनीति से ऊपर उठकर काम किया जाना चाहिए.
आखिरकार, उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली की जनता की भलाई और राज्य की प्रगति के लिए सरकार को सभी रुकावटों को पार करते हुए काम करना चाहिए और इसके लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए।
इस पूरी स्थिति ने दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच तकरार को एक नए मोड़ पर ला खड़ा किया है, और अब देखना होगा कि दोनों पक्ष किस प्रकार से एक दूसरे के साथ रचनात्मक सहयोग करने की दिशा में कदम बढ़ाते हैं।


