दिल्ली में चुनावी फैसले की 'अंतिम रात': सुबह खिलेगा कमल..., या फिर चलेगी झाडू, नतीजों में कुछ ही घंटे शेष
अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि शनिवार की सुबह के साथ ही दिल्ली का चुनावी नतीजा क्या साबित होता है. क्या बीजेपी दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में लौटेगी, या फिर केजरीवाल अपनी सरकार बनाए रखेंगे? इसके लिए हमें सिर्फ कुछ घंटों का इंतजार करना होगा.

Delhi Election Result : दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणामों को लेकर सभी की निगाहें शनिवार सुबह होने वाली मतगणना पर टिकी हुई हैं. इस बार दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच कड़ा मुकाबला देखा जा रहा है. एग्जिट पोल्स के अनुसार, बीजेपी की संभावित जीत को नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत जीत के रूप में देखा जा सकता है. प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली की जनता से सेवा करने का जो वादा किया था, उसका असर अब दिखाई देता है. मोदी ने सत्ता में आते ही कई राज्यों में बीजेपी की सरकार बनवाई है और दिल्ली में भी 27 साल बाद पार्टी की सत्ता में वापसी की संभावना है.
दिल्ली के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो 1993 में पहली बार दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनी थी, लेकिन इसके बाद पार्टी को लगातार 6 चुनावों में हार का सामना करना पड़ा. अब, एग्जिट पोल्स के अनुसार, बीजेपी दिल्ली में अपनी खोई हुई सत्ता वापस पा सकती है. इससे पहले बीजेपी ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, असम और ओडिशा जैसे राज्यों में जीत हासिल की थी और अब दिल्ली में भी पार्टी की जीत की उम्मीद जताई जा रही है.
दिल्ली में AAP का मजबूत प्रदर्शन
हालांकि, अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी AAP का भी दिल्ली में मजबूत प्रदर्शन दिख रहा है. केजरीवाल ने अपनी सरकार की कई उपलब्धियों का प्रचार किया है, खासकर महिलाओं और गरीबों के लिए किए गए कामों को. इसके बावजूद, एग्जिट पोल्स बताते हैं कि इस बार बीजेपी को बड़ी जीत मिल सकती है. केजरीवाल ने एग्जिट पोल्स के परिणामों को खारिज करते हुए दावा किया है कि दिल्ली में एक बार फिर AAP की सरकार बनेगी.
2013 में केजरीवाल 49 दिन के लिए बने थे सीएम
2013 में जब अरविंद केजरीवाल ने पहली बार मुख्यमंत्री बनने के लिए कदम रखा, तब कांग्रेस के समर्थन से उन्हें 49 दिनों तक मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला था. उस वक्त मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था और दिल्ली की राजनीति में केजरीवाल और मोदी दोनों ही प्रमुख चेहरे बन गए थे.
दिल्ली में महिला-पुरुष के मतदान आंकड़े
दिल्ली चुनाव में महिलाओं की भूमिका इस बार अहम रही है, क्योंकि इस बार पहली बार पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 60.92 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया, जबकि 60.21 प्रतिशत पुरुषों ने मतदान किया. महिलाओं का समर्थन हमेशा से केजरीवाल की ताकत रहा है, लेकिन इस बार यह सवाल उठता है कि क्या महिला वोटरों का समर्थन AAP के लिए नुकसान का कारण बन सकता है.
Exit Poll में खिल रहा 'कमल'
बात करें एग्जिट पोल्स की, तो अधिकतर पोल्स में यह अनुमान जताया गया है कि दिल्ली में इस बार बीजेपी को जीत मिल सकती है. मोदी की छवि और उनके कामकाजी नेतृत्व पर दिल्ली की जनता का भरोसा बढ़ा है. वहीं, केजरीवाल की पार्टी ने मुफ्त सुविधाओं और लोक कल्याण के कामों के आधार पर अपनी उम्मीदें मजबूत की हैं.


