DRDO को मिली बड़ी सफलता, एक ही लॉन्चर से दो प्रलय मिसाइलों की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग...देखें Video
DRDO ने ओडिशा के चांदीपुर टेस्ट रेंज से एक ही लॉन्चर से लगातार दो प्रलय मिसाइलों का सफल परीक्षण किया. यह यूजर इवैल्यूएशन ट्रायल का हिस्सा था, जिसमें दोनों मिसाइलों ने तय मार्ग अपनाते हुए सभी लक्ष्य पूरे किए. प्रलय स्वदेशी शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है, जो भारत की रक्षा ताकत और आत्मनिर्भरता को दर्शाती है.

नई दिल्ली : भारत की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करते हुए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से प्रलय मिसाइल का अहम परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया है. इस परीक्षण की खास बात यह रही कि एक ही लॉन्चर से लगातार दो प्रलय मिसाइलों को दागा गया और दोनों ने अपने निर्धारित लक्ष्यों की ओर सटीक उड़ान भरी. यह परीक्षण यूजर इवैल्यूएशन ट्रायल का हिस्सा था, जो किसी भी हथियार प्रणाली को सेना में शामिल करने से पहले बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.
तय समय और स्थान पर हुआ परीक्षण
Salvo lunch of two Pralay Missile in quick succession from same launcher were successfully conducted today from ITR, Chandipur. The flight test was conducted as part of User evaluation trials. Both the missiles followed the intended trajectory meeting all flight objectives. pic.twitter.com/QeJYVDhL1l
— DRDO (@DRDO_India) December 31, 2025
यूजर इवैल्यूएशन ट्रायल का महत्व
यूजर इवैल्यूएशन ट्रायल का मतलब होता है कि इस दौरान मिसाइल सिस्टम को संभावित उपयोगकर्ता यानी भारतीय सेना की जरूरतों और मानकों के अनुसार परखा जाता है. इसमें मिसाइल की विश्वसनीयता, सटीकता, लॉन्च सिस्टम और ऑपरेशनल क्षमता की गहन जांच की जाती है. डीआरडीओ के मुताबिक, इस परीक्षण में प्रलय मिसाइल ने सभी निर्धारित तकनीकी और ऑपरेशनल उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया है, जिससे इसके भविष्य में सेवा में शामिल होने का रास्ता साफ होता दिख रहा है.
प्रलय मिसाइल की प्रमुख विशेषताएं
प्रलय एक स्वदेशी रूप से विकसित शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता लगभग 150 किलोमीटर से लेकर 500 किलोमीटर तक मानी जाती है. इसे खास तौर पर पारंपरिक युद्ध परिस्थितियों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. यह दुश्मन के रडार ठिकानों, कमांड और कंट्रोल सेंटर, एयरबेस और एयरस्ट्रिप जैसे अहम सैन्य लक्ष्यों पर बेहद सटीक हमला करने में सक्षम है. इसकी हाई-प्रिसिशन स्ट्राइक क्षमता इसे आधुनिक युद्ध में एक प्रभावी हथियार बनाती है.
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
प्रलय मिसाइल पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को दर्शाती है. इसका विकास न केवल आयातित हथियार प्रणालियों पर निर्भरता कम करता है, बल्कि घरेलू रक्षा उद्योग को भी नई ताकत देता है. डीआरडीओ का यह सफल परीक्षण भारत की मिसाइल टेक्नोलॉजी में बढ़ती दक्षता और रणनीतिक क्षमता को साफ तौर पर उजागर करता है.
रक्षा क्षमताओं को मिलेगा और बल
विशेषज्ञों के अनुसार, प्रलय मिसाइल का सफल परीक्षण भारतीय सशस्त्र बलों की स्ट्राइक क्षमता को नई ऊंचाई देगा. तेजी से तैनाती, उच्च सटीकता और भरोसेमंद प्रदर्शन के चलते यह मिसाइल भविष्य में भारत की सामरिक रणनीति का अहम हिस्सा बन सकती है. इस सफल परीक्षण के साथ ही डीआरडीओ ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भारत उन्नत रक्षा तकनीकों के क्षेत्र में लगातार मजबूत होता जा रहा है.


