जब तक आतंक का साथ देगा पाकिस्तान, भारत नहीं देगा पानी: जयशंकर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि सिंधु जल संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन पूरी तरह बंद नहीं करता. उन्होंने नेहरू की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 और सिंधु जल संधि पर ऐतिहासिक सुधार किए हैं.

केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में एक कड़ा संदेश देते हुए कहा कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सिंधु जल संधि को तब तक निलंबित रखा जाएगा, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना पूरी तरह से बंद नहीं करता.
सिंधु जल संधि एक असाधारण समझौता
जयशंकर ने बताया कि सिंधु जल संधि एक असाधारण समझौता था जिसमें भारत ने बिना पूर्ण अधिकार के अपनी नदियों का पानी पाकिस्तान को बहने दिया. उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसा उदाहरण मिलना मुश्किल है. इस ऐतिहासिक घटना को याद करना जरूरी है, भले ही कुछ लोग इतिहास से असहज हों और उसे भुलाना चाहते हों.
उन्होंने संसद में 1960 में दिए गए पंडित नेहरू के बयान की भी आलोचना की. जयशंकर ने कहा कि नेहरू ने तब यह कहा था कि उन्हें पाकिस्तानी पंजाब की चिंता है, लेकिन भारतीय राज्यों जैसे कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के किसानों के बारे में उन्होंने कोई उल्लेख नहीं किया. जयशंकर ने इसे एक बड़ी ऐतिहासिक भूल बताया जिसे नरेंद्र मोदी सरकार ने सुधारा है.
पहलगाम हमले पर जताई नाराजगी
उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर भी नाराजगी जताई और इसे पूरी तरह अस्वीकार्य बताया. उन्होंने कहा कि इस हमले में सीमा पार की गई है और इसके लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए. जयशंकर ने यह भी बताया कि बीते दशक में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंचों पर सशक्त भूमिका निभाई है, चाहे वो ब्रिक्स, एससीओ, क्वाड या द्विपक्षीय वार्ताएं हों.
अंत में उन्होंने दोहराया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 के साथ-साथ सिंधु जल संधि पर भी निर्णायक कदम उठाए हैं और पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया है कि जब तक आतंकवाद बंद नहीं होता, तब तक सिंधु का पानी नहीं बहेगा.


