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सरकार ने वापस लिया इनकम टैक्स बिल, 11 अगस्त को पेश होगा नया विधेयक

सरकार ने आयकर विधेयक 2025 का पुराना ड्राफ्ट वापस लेकर चयन समिति की 285 सिफारिशों वाला नया संस्करण 11 अगस्त को लोकसभा में पेश करने का फैसला किया है.

Income Tax Bill: लोकसभा में 13 फरवरी 2025 को पेश किया गया आयकर विधेयक, 2025 (Income-Tax Bill, 2025) अब औपचारिक रूप से वापस ले लिया गया है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार सोमवार, 11 अगस्त को इसका नया और संशोधित संस्करण पेश करेगी, जिसमें संसदीय चयन समिति द्वारा दी गई अधिकांश सिफारिशों को शामिल किया गया है.

जानकारी के अनुसार, सरकार ने ये कदम इसलिए उठाया है ताकि पुराने और नए ड्राफ्ट के चलते होने वाले भ्रम को दूर किया जा सके. इसके साथ ही, संसद के समक्ष एक ही, अद्यतन एवं स्पष्ट संस्करण रखा जा सके. ये नया विधेयक मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 को पूरी तरह बदलने के उद्देश्य से लाया जा रहा है.

चयन समिति की रिपोर्ट

इनकम टैक्स बिल के मसौदे पर श्री बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली संसदीय चयन समिति ने 21 जुलाई को अपनी रिपोर्ट संसद में सौंपी थी. ये रिपोर्ट 4,500 पन्नों से ज्यादा लंबी है और इसमें 285 महत्वपूर्ण सुझाव शामिल हैं, जिनका उद्देश्य ड्राफ्ट बिल को और प्रभावी एवं व्यवहारिक बनाना है.

आम टैक्सपेयर्स के लिए लाभकारी बदलाव

रिपोर्ट में कई ऐसे प्रस्ताव रखे गए हैं, जिनसे सीधे तौर पर आम टैक्सपेयर्स को लाभ मिल सकता है. इनमें टैक्स स्लैब में संभावित बदलाव, रियायतों का सरलीकरण और डिजिटल टैक्स प्रोसेस को ज्यादा पारदर्शी बनाने जैसे सुझाव प्रमुख हैं.

सोमवार को पेश होगा नया बिल

सूत्रों के अनुसार, नया इनकम टैक्स बिल सोमवार को लोकसभा में विचार हेतु पेश किया जाएगा. इसमें चयन समिति के अधिकांश सुझाव शामिल होंगे, जिससे ये पहले से ज्यादा व्यावहारिक और स्पष्ट रूप में सामने आएगा.

हाउस प्रॉपर्टी इनकम के नियमों में बदलाव

समिति ने संपत्ति से होने वाली इनकम के मामले में दो अहम बदलाव सुझाए हैं- 

  • 30% का मानक कटौती (स्टैंडर्ड डिडक्शन), जो नगर निगम टैक्स (Municipal Tax) घटाने के बाद पहले से लागू है, उसे नए कानून में स्पष्ट रूप से शामिल किया जाए ताकि भ्रम की स्थिति समाप्त हो.

  • गृह ऋण (होम लोन) पर ब्याज कटौती का लाभ केवल स्व-आवासित संपत्तियों (Self-occupied properties) तक सीमित ना रहे, बल्कि किराए पर दी गई संपत्तियों (Rented properties) पर भी लागू हो.

TDS और TCS रिफंड की प्रक्रिया होगी आसान

कई टैक्सपेयर्स टीडीएस (Tax Deducted at Source) और टीसीएस (Tax Collected at Source) के रिफंड के लिए लंबे समय तक इंतजार करते हैं. समिति ने रिफंड प्रक्रिया को तेज, सरल और पारदर्शी बनाने की सिफारिश की है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने भी संकेत दिया है कि Enforcement with Empathy नीति के तहत नए नियम बनाए जा रहे हैं, जिनका उद्देश्य ईमानदार टैक्सपेयर्स की परेशानियों को कम करना है.

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08 August 2025, 03:55 PM IST

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