ब्यूटी पार्लर, इंस्टा रील्स या दहेज... आखिर क्या है निक्की की मौत की असल वजह?
ग्रेटर नोएडा की निक्की की मौत ने समाज को झकझोर कर रख दिया है. ब्यूटी पार्लर चलाकर आत्मनिर्भर बनी निक्की को पति की चरित्रहीनता, दहेज की मांग और ससुराल पक्ष की प्रताड़ना का सामना करना पड़ा. आखिरकार यह सब उसकी दर्दनाक मौत की वजह बन गया.

Nikki Murder Case: नोएडा के सिरसा गांव से सामने आया निक्की की दर्दनाक मौत का मामला समाज की संकुचित सोच और दहेज की काली प्रथा का जीता-जागता उदाहरण है. निक्की की मौत ने न केवल इंसानी रिश्तों की कड़वाहट उजागर की है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा किया है कि आखिर शिक्षित और आत्मनिर्भर महिला भी क्यों पितृसत्तात्मक जकड़नों से आजाद नहीं हो पा रही.
निक्की ने अपनी पढ़ाई और हुनर के दम पर आत्मनिर्भर बनने की राह चुनी थी, लेकिन ससुराल पक्ष की रूढ़िवादी सोच, पति की चरित्रहीनता और सास की साजिश ने उसकी जिंदगी को धीरे-धीरे नर्क बना दिया. शादी के छह साल तक सेवा और समर्पण करने वाली निक्की को न बहू समझा गया, न बेटी.
पढ़ाई-लिखाई और आत्मनिर्भरता की राह
रूपबांस निवासी भिखारी ने अपनी दोनों बेटियों निक्की और कंचन को एनटीपीसी डीपीएस से बीए तक पढ़ाया. शादी के बाद भी बेटियां बोझ न बनें, इसके लिए उन्होंने ब्यूटीशियन का कोर्स भी करवाया. शादी के बाद दोनों बहनों ने अपने घर में ही ब्यूटी पार्लर खोला. हुनर और मेहनत के दम पर उनका काम इलाके में मशहूर हो गया.
पति की चरित्रहीनता
तीन साल पहले निक्की को पति विपिन की चरित्रहीनता की खबर लगी. बेटे की परवरिश पर असर न पड़े, इस सोच के साथ निक्की ने विरोध करना शुरू किया. यहीं से कलह की शुरुआत हुई. नशे की लत से पीड़ित विपिन निक्की से पैसे लेता और उन्हें शराब व अन्य औरतों पर खर्च कर देता था. जब निक्की ने रुपये देना बंद कर दिए तो वह उसे पीटने लगा.
सास दया ने बढ़ाई नफरत
पति-पत्नी के बीच खाई गहरी करने में सास दया की बड़ी भूमिका रही. वह निक्की के खिलाफ जहर उगलती और विपिन को भड़काती. "मुंह नहीं ढकती", "खाना रखकर बता कर नहीं गई" जैसी बातें कहकर सास बेटे को निक्की के खिलाफ उकसाती और इसके बाद निक्की की पिटाई होती.
सोशल मीडिया पर सफलता से पति को जलन
निक्की ने अपने ब्यूटी पार्लर के प्रचार-प्रसार के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. इंस्टाग्राम पर उसके करीब 64 हजार फॉलोअर्स हैं और उसके सभी फोटो-वीडियो केवल पार्लर से जुड़े कामकाज को दर्शाते हैं. कोई भी अश्लील कंटेंट न होने के बावजूद विपिन उसे गलत तरीके से आरोपित करता और पीटता. पत्नी की सफलता से उसे भीतर ही भीतर जलन थी.
गुर्जर समाज की दोहरी मानसिकता
गुर्जर समाज की पंचायतें हमेशा से महिलाओं को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने के दावे करती रही हैं. लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि जब निक्की और कंचन ने आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ाया, तो ससुराल वालों ने इसे स्वीकारने के बजाय उनकी जिंदगी को और मुश्किल बना दिया.


