हजारों उड़ानें रद्द होने का असर, इंडिगो करेगी 375 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा भुगतान
इस महीने की शुरुआत में बड़े पैमाने पर परिचालन बाधाओं का सामना करने वाली इंडिगो एयरलाइंस अब प्रभावित यात्रियों को राहत देने की तैयारी में है.

इस महीने की शुरुआत में बड़े पैमाने पर परिचालन बाधाओं का सामना करने वाली इंडिगो एयरलाइंस अब प्रभावित यात्रियों को राहत देने की तैयारी में है. एयरलाइन 26 दिसंबर से मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू करेगी. 2 से 10 दिसंबर के बीच इंडिगो को गंभीर तकनीकी और संचालन संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था, जिसके चलते 5,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जबकि कई अन्य उड़ानें घंटों देरी से संचालित हुईं. इसका असर लाखों यात्रियों पर पड़ा, जिन्हें भारी असुविधा झेलनी पड़ी.
मुआवजा प्रक्रिया को औपचारिक रूप से हरी झंडी
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के ताजा निर्देशों के बाद मुआवजा प्रक्रिया को औपचारिक रूप से हरी झंडी मिल गई है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस पूरी कवायद में इंडिगो को करीब 3.8 लाख यात्रियों को मुआवजा देना पड़ सकता है, जिस पर लगभग 376 करोड़ रुपये का खर्च आने की संभावना है. सरकार का कहना है कि यात्रियों के अधिकारों की रक्षा करना प्राथमिकता है और इस मामले में किसी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी.
सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने इंडिगो को विशेष रूप से 3 से 5 दिसंबर के बीच सबसे ज्यादा प्रभावित यात्रियों के लिए तत्काल राहत देने के निर्देश दिए हैं. इन दिनों के दौरान जो यात्री हवाई अड्डों पर कई घंटों तक फंसे रहे, उन्हें 10,000 रुपये का ट्रैवल वाउचर दिया जाएगा. यह वाउचर भविष्य की यात्रा में इस्तेमाल किया जा सकेगा. इसके अलावा, मौजूदा नियमों के तहत यात्रियों को देरी या उड़ान रद्द होने की स्थिति के अनुसार 5,000 से 10,000 रुपये तक का नकद मुआवजा भी दिया जाना है.
एयरलाइन को निर्देश
इंडिगो के अधिकारियों के अनुसार, जिन यात्रियों ने सीधे एयरलाइन की वेबसाइट के माध्यम से टिकट बुक किए थे, उन्हें अपेक्षाकृत जल्दी राहत मिल सकती है. ऐसे यात्रियों की जानकारी पहले से ही एयरलाइन के पास उपलब्ध है, इसलिए उन्हें एक सप्ताह के भीतर मुआवजा मिलने की संभावना है. वहीं, जिन यात्रियों ने ट्रैवल एजेंट या ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म के जरिए टिकट खरीदे थे, उनके लिए प्रक्रिया थोड़ी लंबी हो सकती है. एयरलाइन को निर्देश दिया गया है कि वह संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय कर यात्रियों का विवरण जुटाए, ताकि सभी पात्र लोगों को मुआवजा मिल सके.
सरकार ने इस पूरे मामले की निगरानी के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को जिम्मेदारी सौंपी है. डीजीसीए यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी योग्य यात्री मुआवजे से वंचित न रहे. साथ ही, नागरिक उड्डयन मंत्रालय अपने एयरसेवा पोर्टल के जरिए पूरी प्रक्रिया पर नजर रखेगा, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और यात्रियों की शिकायतों का समय पर समाधान हो सके.


