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मिग-21 से तेजस तक, कैसे भारत की ये बहादुर महिलाएं आसमान में रचा इतिहास

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 के अवसर पर, हमें इन बहादुर महिलाओं के योगदान को सलाम करना चाहिए और इस ऐतिहासिक उपलब्धि को गर्व से याद करना चाहिए. ये महिलाएं न केवल देश की रक्षा कर रही हैं, बल्कि हर लड़की को यह संदेश भी दे रही हैं कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को महिलाओं के अधिकार, समानता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है. इस साल का थीम "सभी महिलाओं और लड़कियों के लिए: अधिकार, समानता, सशक्तिकरण" रखा गया है, जो एक ऐसे भविष्य की ओर संकेत करता है जहां हर महिला को समान अवसर मिलें और कोई भी पीछे न छूटे. महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी ताकत का लोहा मनवाया है, लेकिन भारतीय वायुसेना में जब पहली बार महिला फाइटर पायलट को शामिल किया गया, तो यह एक ऐतिहासिक क्षण था.

अवनी चतुर्वेदी, भावना कांत और मोहना सिंह ने भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल होकर नया कीर्तिमान रचा. ये तीनों बहादुर महिलाएं आज देश की रक्षा के लिए लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं और अपने साहस से हर किसी को प्रेरित कर रही हैं.  

भारत की पहली महिला फाइटर पायलट्स  

भारतीय वायुसेना में पहली महिला फाइटर पायलट बनने का गौरव अवनी चतुर्वेदी, भावना कांत और मोहना सिंह को हासिल हुआ. ये तीनों लड़ाकू विमान उड़ाने वाली भारत की पहली महिला पायलट्स हैं और उन्होंने पुरुष-प्रधान वायुसेना में अपनी जगह बनाकर लिंग समानता की दिशा में बड़ी छलांग लगाई.  

स्क्वाड्रन लीडर मोहना सिंह को भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान LCA तेजस की 18 'फ्लाइंग बुलट्स' स्क्वाड्रन में शामिल होने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनने का गौरव प्राप्त हुआ. वहीं, अवनी चतुर्वेदी और भावना कांत अब Su-30MKI फाइटर जेट्स को उड़ा रही हैं और देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं.  

स्क्वाड्रन लीडर मोहना सिंह –पहले 'तेजस' महिला फाइटर पायलट  

मोहना सिंह, राजस्थान के झुंझुनू जिले से आती हैं. वह एक सैन्य परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता प्रताप सिंह जीतरवाल भारतीय वायुसेना में मास्टर वारंट ऑफिसर के रूप में सेवा दे चुके हैं, जबकि उनके दादा को वीर चक्र से सम्मानित किया गया था. 2019 में, मोहना सिंह भारतीय वायुसेना की पहली महिला फाइटर पायलट बनीं, जिन्होंने Hawk Mk.132 एडवांस जेट ट्रेनर पर फुल ऑपरेशनल स्टेटस हासिल किया. अब तक वह 380 घंटे से अधिक की उड़ान भर चुकी हैं और एयर-टू-एयर तथा एयर-टू-ग्राउंड कॉम्बैट में विशेषज्ञता हासिल कर चुकी हैं. 2023 में, उन्हें LCA तेजस फाइटर जेट स्क्वाड्रन में शामिल होने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनने का गौरव प्राप्त हुआ.

मिग 21 बाइसन उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला  

मध्य प्रदेश के रीवा जिले से आने वाली अवनी चतुर्वेदी ने भारतीय वायुसेना में अपने शानदार करियर की शुरुआत की. बचपन से ही उन्हें आसमान में उड़ान भरने का सपना था, जिसे उन्होंने मेहनत और लगन से पूरा किया. अवनी ने राजस्थान के बनस्थली विश्वविद्यालय से बी.टेक किया और इसी दौरान फ्लाइंग क्लब जॉइन किया.उन्होंने हैदराबाद एयरफोर्स अकादमी में अपनी ट्रेनिंग पूरी की और भारतीय वायुसेना की पहली महिला पायलट्स में से एक बनीं.  2018 में, अवनी चतुर्वेदी ने MiG-21 Bison को सोलो उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रच दिया. उनके भाई भारतीय सेना में अधिकारी हैं, जिन्होंने उन्हें इस क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित किया.  

फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कांत

भावना कांत भारतीय वायुसेना में अपनी शानदार सेवाओं के लिए जानी जाती हैं. उन्होंने 2017 में फाइटर स्क्वाड्रन जॉइन किया और मार्च 2018 में MiG-21 Bison की अपनी पहली सोलो उड़ान भरी. भावना कांत ने गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनने का गौरव हासिल किया. वह इस समय पश्चिमी सेक्टर के एक फाइटर बेस में तैनात हैं और भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ा रही हैं.

महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनीं ये फाइटर पायलट्स  

इन तीनों महिला पायलट्स ने भारतीय वायुसेना में शामिल होकर यह साबित कर दिया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं. उनकी मेहनत, साहस और लगन ने भारतीय सेना में लिंग समानता को बढ़ावा दिया और आज वे युवा महिलाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन चुकी हैं.

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08 March 2025, 09:45 AM IST

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