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वैश्विक व्यापार व्यवस्था पर भारत का जोर, जयशंकर बोले– स्थिर और भरोसेमंद माहौल ज़रूरी

एस. जयशंकर ने सोमवार को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक लेन-देन निष्पक्ष, पारदर्शी और सबके हित में होने चाहिए. जयशंकर ने इस बात पर ज़ोर दिया कि दुनिया व्यापार और निवेश के लिए एक स्थिर व पूर्वानुमेय वातावरण चाहती है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

Jaishankar in Brics summit: विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सोमवार को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक लेन-देन निष्पक्ष, पारदर्शी और सबके हित में होने चाहिए. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि दुनिया व्यापार और निवेश के लिए एक स्थिर व पूर्वानुमेय वातावरण चाहती है. इसके लिए नियम-आधारित व पारदर्शी व्यापार प्रणाली बेहद ज़रूरी है. इस वर्चुअल बैठक में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत ब्रिक्स देशों के शीर्ष नेता मौजूद थे, जबकि इसका आयोजन ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा ने किया.

खुले और निष्पक्ष व्यापार की वकालत

जयशंकर ने कहा कि भारत का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था को खुले, निष्पक्ष, पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित होना चाहिए. उन्होंने कहा कि दुनिया सामूहिक रूप से एक सुरक्षित और भरोसेमंद माहौल चाहती है. ऐसे में हमारी कोशिश यह होनी चाहिए कि व्यवधानों से बचाव के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं को अधिक मजबूत और लचीला बनाया जाए.

सहयोगात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता

विदेश मंत्री ने आगे कहा कि दुनिया को सतत व्यापार और निवेश बढ़ाने के लिए रचनात्मक और सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाना होगा. उन्होंने चेतावनी दी कि अनावश्यक बाधाएं और जटिल प्रक्रियाएं किसी के लिए भी लाभकारी नहीं होंगी. जयशंकर ने ब्रिक्स देशों से अपील की कि वे व्यापार प्रवाह की समीक्षा करें और वैश्विक व्यापार प्रणाली के लिए एक सकारात्मक मिसाल स्थापित करें.

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत को सबसे बड़े व्यापार घाटे का सामना ब्रिक्स साझेदारों के साथ करना पड़ रहा है. इसलिए भारत लगातार इस स्थिति के समाधान के लिए प्रयासरत है.

बहुपक्षीय व्यवस्था पर सवाल

जयशंकर ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रणाली के मूलभूत सिद्धांतों को गिनाते हुए कहा कि इसे न्यायसंगत, समावेशी और विकासशील देशों के लिए विशेष सहूलियतें प्रदान करने वाली होना चाहिए. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वर्तमान वैश्विक हालात बेहद चिंताजनक हैं.

वैश्विक चुनौतियां

अपने संबोधन में विदेश मंत्री ने कोविड-19 महामारी, यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व में जारी इज़राइल-हमास संघर्ष का ज़िक्र किया. उन्होंने कहा कि इन संकटों ने दुनिया की बहुपक्षीय व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर कर दिया है. जयशंकर के अनुसार, जब इतने बड़े तनाव और चुनौतियां सामने हों और उनका समाधान न निकाला जाए, तो इसका असर सीधे तौर पर वैश्विक व्यवस्था पर पड़ता है.

इस तरह जयशंकर का संदेश साफ था कि भारत एक स्थिर, न्यायपूर्ण और सहयोगी वैश्विक आर्थिक प्रणाली का समर्थन करता है, जहां सभी देशों के हित सुरक्षित हों और विकास के अवसर समान रूप से उपलब्ध हों.

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08 September 2025, 10:12 PM IST

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