भारत में 2025 का अंतिम सूर्यास्त, दुनिया के इस कोने में जश्न के साथ हुआ 2026 का आगाज
2026 का स्वागत दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में शुरू हो चुका है. न्यूजीलैंड और किरिबाती सबसे पहले नए साल में प्रवेश कर चुके हैं. दुनिया के विभिन्न देशों में जश्न के अलग-अलग रीति-रिवाज हैं, जैसे स्पेन में अंगूर खाना, जापान में 108 बार घंटियां बजाना और ब्राजील में सफेद कपड़े पहनकर समुद्र में फूल अर्पित करना.

2025 का आखिरी सूर्यास्त भारत के कई राज्यों में हो चुका है और अब 2026 के स्वागत की तैयारियां जोरों पर हैं. पुरी, जो भगवान जगन्नाथ के लिए प्रसिद्ध है और पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में लोगों ने 2025 का अंतिम सूर्यास्त देखा. इसी बीच, दुनिया के सबसे पहले नए साल का स्वागत करने वाले देश न्यूजीलैंड में रात्रि 12 बजे 2026 का आगमन हो चुका है.
ऑकलैंड शहर ने नए साल का जश्न कैसे मनाया?
न्यूजीलैंड में ऑकलैंड शहर ने नए साल का जश्न अपने स्काई टॉवर से आतिशबाजी करके मनाया. दुनिया के सबसे आखिरी समय में दिन शुरू होने वाले अमेरिका के हाउलैंड और बेकर आइलैंड्स में नए साल की शुरुआत अभी बाकी है.
ऑकलैंड में आयोजित जश्न का प्रमुख आकर्षण 787 फुट ऊंची स्काई टॉवर से पांच मिनट तक चली आतिशबाजी थी. इस दौरान टॉवर की अलग-अलग मंजिलों से 3,500 आतिशबाजी की गई. ऑकलैंड में यह जश्न न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर में होने वाले मशहूर बॉल ड्रॉप से लगभग 18 घंटे पहले आयोजित हुआ. इस बीच, पैसिफिक आइलैंड देश किरिबाती दुनिया का पहला देश बन गया जिसने आधिकारिक तौर पर 2026 का स्वागत किया. लाइन आइलैंड्स द्वीप में जैसे ही घड़ी 12 बजती है, नए साल की शुरुआत विश्व स्तर पर हो जाती है. इसके बाद अगले कुछ घंटों में ओशिनिया, पूर्वी एशिया, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य पूर्व, यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका में नए साल का जश्न मनाया जाएगा.
नए साल का जश्न मनाने के तरीके अलग-अलग
दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में नए साल का जश्न मनाने के तरीके भी अलग-अलग हैं. भारत में विभिन्न शहरों और राज्यों में रंगारंग उत्सव आयोजित किए जा रहे हैं. स्पेन में लोग नई साल की अच्छी किस्मत के लिए आधी रात को 12 अंगूर खाते हैं. जापान में मंदिरों में 108 बार घंटियां बजाकर नए साल का स्वागत किया जाता है. ब्राजील में लोग सफेद कपड़े पहनकर समुद्र में फूल अर्पित करते हैं, जबकि स्कॉटलैंड में नए साल का जश्न ‘हॉगमने’ के नाम से मनाया जाता है, जिसमें सड़कों पर बड़े पैमाने पर दावत और जश्न का माहौल होता है.
इस प्रकार, 2026 के आगमन के साथ ही दुनिया भर में उत्सव का माहौल छा गया है. अलग-अलग परंपराओं और रीति-रिवाजों के साथ हर देश ने अपने तरीके से नए साल का स्वागत शुरू कर दिया है. इस साल भी दुनिया भर के लोग खुशी, उम्मीद और नए संकल्पों के साथ 2026 में कदम रख रहे हैं.


